लखनऊ: मत्स्य पालकों को रिकार्ड मछली उत्पादन तथा मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने एवं आधुनिक पद्धति से मछली पालन हेतु मत्स्य पालकों को मत्स्य विशेषज्ञों ने उपयोगी सुझाव दिए है। वैज्ञानिक पद्धति से मछली पालन करके मत्स्य पालक किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेगें।
मत्स्य विशेषज्ञों ने मत्स्य पालकों कोें सुझाव दिया है कि मत्स्य पालन के लिए। तालाब निर्माण का उपयुक्त समय है जो किसान नये तालाब बनाना चाहते हों या अपने तालाब का सुधार कार्य कराना चाहते है वे यथाशीघ्र निर्माण कार्य पूरा करा लें तथा आगामी मौसम में मत्स्य पालन की तैयारी करें। जिन मत्स्य पालकों के तालाबों में अवांछनीय मत्स्य प्रजातियां पाई जा रही है उनमें बार-बार जाल चलाकर मछलियों को निकाल लें एवं तालाब को गर्मी में सुखानें के पश्चात आगामी मौसम में मत्स्य पालन करें। ऐसे तालाब जिनमें पानी सूखने की सम्भावना नहीं है, उनमें अवांछनीय मछलियों के नियंत्रण हेतु 25 कु./हेे. की दर से एक मीटर गहरे तालाब में महुआ की खली डाल दें। 24 घंटे में मछलियां सतह पर आ जाएंगी। इन्हें बेच दें। महुआ की खली डालने के 15 दिन बाद तालाब तैयार हो जायगा।
मत्स्य पालक मत्स्य बीज उत्पादक अपने ब्रूड फिश को पूरक आहार शरीर भार के दो प्रतिशत की दर से प्रतिदिन खिलायंे साथ ही साथ विटामिंन-ई युक्त आहार भी दें। नर मादा को यदि अभी तक अलग-अलग तालाबों में नहीं किया है तो शीघ्र कर लें। कतला, रोहू एवं नैन प्रजातियों में मैच्योरिटी आ गई है। तालाब का जलस्तर 5 से 6 फुट बनाये रखें। जिन मत्स्य बीज उत्पादकों ने अभी तक नर्सरियों को तैयार नहीं किया है वे शीघ्र नर्सरियों को तैयार कर लें।
मत्स्य पालक कतला, रोहू एवं नैन प्रजातियों का उत्प्रेरित प्रजनन का समय आ गया है। हैचरी स्वामी मानसून के आगमन संबंधी पूर्वानुमान पर विशेष ध्यान दें। कतला, रोहू, नैन मत्स्य प्रजातियों का उत्प्रेरित प्रजनन करायें साथ ही आवश्यकतानुसार सिल्वर कार्प एवं ग्रास कार्प मत्स्य प्रजातियों का उत्प्रेरित प्रजनन भी करायें। निजी क्षेत्र की कुछ हैचरियों पर उत्प्रेरित प्रजनन के मध्यम से मत्स्य बीज का उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया है। इच्छुक मत्स्य पालक अपने तालाबों में मत्स्य बीज का संचय करायें। जो भी मत्स्य पालक मत्स्य की बीज उत्पादन की प्रक्रिया से जुड़े हैं वे अपनी नर्सरी की तैयारी कर लें।
पूरे प्रदेश में जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब को गहरा करये जाने की योजना चलाई जा रही है। ग्रामसभा के तालाब जो पट्टे पर हैं तथा कम गहराई के हैं उन्हें गहरा कराने के लिए जिलाधिकारी को आवेदन करें। थाई माॅगुर मछली पालना प्रतिबन्धित है। इसको न पाला जाये।