लखनऊः प्रदेश के मत्स्य विकास कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद आज सुबह 10ः31 बजे उ०प्र० मत्स्य विकास निगम लिमिटेड के औचक निरीक्षण पर पहुँचे। मंत्री जी ने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान फील्ड में तैनात और विभागीय कार्याे के दृष्टिगत बाहर गये अधिकारियों और कर्मचारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी यथा लोकेशन की जानकारी की और अनुपस्थित कर्मचारियों को सख्त हिदायत के साथ उनके प्रति आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश भी दिया। मंत्री जी ने फील्ड में तैनात और दौरे पर जाने वाले कर्मचारियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों को घर से अब फील्ड में नही भेजा जाएगा, ऑफिस आने के बाद उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर कर ही फील्ड में भेजा जाएगा। उन्होंने उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया और अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश भी दिया। अवर अभियंता श्री दिनेश कुमार के कार्यालय में लगातार अनुपस्थित होने के चलते सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी दिए।
मत्स्य मंत्री ने प्रदेश सरकार के दूसरे कार्यकाल के 01 वर्ष पूर्ण होने पर वित्तीय वर्ष 2022-23 की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा भी की। समीक्षा में पाया गया कि मत्स्य निगम ने एक साल में पहले से बेहतर कार्य किया है, वित्तीय वर्ष 2021-22 में मत्स्य निगम द्वारा 10 करोड़ 60 लाख 62 हजार 790 रुपये की धनराशि जमा करवाई गई थी और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 05 करोड़ के मुनाफे के साथ राशि 15 करोड़ 20 लाख 13 हजार 698 रुपये जमा करवाई गई।
श्री निषाद जी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश की कुल मत्स्य हैचरियो में 90 हजार मत्स्य बीज (कॉमन कार्प) उत्पादन हुआ जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश की कुल मत्स्य हैचरियो से 67 लाख 33 हजार मत्स्य बीज (कॉमन कार्प) का उत्पादन किया गया है। उन्होंने कहा कि मा० प्रधानमंत्री जी और मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में मत्स्य उत्पादन में उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस बार 67 गुना अधिक कॉमन कार्प का उत्पादन किया गया। भारतीय मेजर कार्प (मत्स्य बीज) 19 करोड़ 41 लाख का उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-23 में किया गया जोकि ऐतिहासिक है।
निरीक्षण के दौरान मत्स्य निदेशालय के संयुक्त निदेशक श्री एन०एस० रहमानी एवं उ०प्र० मत्स्य विकास निगम लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक श्री एजाज अहमद नक़वी भी मौजूद रहे।