लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री श्री इकबाल महमूद ने बताया कि मत्स्य विकास हेतु मत्स्य पालक विकास अभिकरण द्वारा मत्स्य पालकों को अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन हेतु ग्रामसभा के तालाबों का दस वर्षीय पट्टा देने की सुविधा प्राथमिकता के आधार पर सुलभ करायी जा रही है। मत्स्य पालन के उद्देश्य से तालाबों के सुधार हेतु रू0 75,000/- प्रति हेक्टेयर तक का बैंक ऋण तथा उस पर 20 प्रतिशत की दर से अधिकतम रू0 18,750/- प्रति हेक्टेयर का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
नये तालाबों के निर्माण हेतु रू0 3,00,000 प्रति हेक्टेयर तक का बैंक ऋण तथा उस पर 20 प्रतिशत की दर से अधिकतम रू0 60,000 एवं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए 25 प्रतिशत की दर से अधिकतम 75,000 प्रति हेक्टेयर का अनुदान उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। तालाबों के सुधार एवं निर्मित कराये गये तालाबांे में मत्स्य पालन प्रारम्भ करने के लिए प्रथम वर्षीय मत्स्य उत्पादन इसके अलावा निवेशों की व्यवस्था हेतु रू0 50,000/- प्रति हेक्टेयर तक का बैंक ऋण तथा उस पर 20 प्रतिशत की दर से अधिकतम रू0 10,000/- एवं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए 25 प्रतिशत की दर से अधिकतम 12,500/- प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
मत्स्य विकास मंत्री ने मत्स्य बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दस लाख फ्राई क्षमता की मिनी हैचरियों की स्थापना हेतु रू0 12.00 लाख तक का बैंक ऋण जिस पर 10 प्रतिशत की दर से अधिकतम रू0 1.20 लाख का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है एवं उत्तम मत्स्य प्रजातियों (कतला, रोहू, नैन एवं काॅमन कार्प) के बीज की निर्धारित दर पर आपूर्ति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि विभागीय प्रयोगशालाओं द्वारा मत्स्य पालकों के तालाबों की मिट्टी-पानी की निःशुल्क जांच/परीक्षण एवं तद्नुसार वैज्ञानिक मत्स्य पालन हेतु तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। मछुआ दुर्घटना बीमा योजना अन्तर्गत सक्रिय मछुआ/पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यों की दुुर्घटनावश मृत्यु पर परिवारजनों को रू0 2,00,000/- तथा अपंग की दशा में रू0 1,00,000/- की धनराशि की व्यवस्था की गयी है। सरकार ने राष्ट्रीय मछुवा कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत मछुवा बाहुल्य ग्रामों में मछुवा आवास निर्माण हेतु लोहिया आवास की भांति सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है।