नई दिल्ली: भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) पुणे को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। एफटीआईआई के पांच पाठ्यक्रमों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने नवगठित व्यावहारिक कला और शिल्प श्रेणी में मंजूरी प्रदान की है। इस मंजूरी से भारत के प्रमुख फिल्म संस्थान,एफटीआईआई देश का पहला और एकमात्र संस्थान बन गया है, जिसे यह मान्यता मिली है।
एआईसीटीई ने नवगठित व्यावहारिक कला, शिल्प व डिजाइन श्रेणी के लिए 11 मई, 2019 को संस्थानों और अनुमोदित पाठ्यक्रमों की सूची जारी की है। इस सूची में एफटीआईआई और इसके पांच एक वर्षीय पोस्टग्रेज्युट सार्टिफिकेट पाठ्यक्रम शामिल हैं।
एआईसीटीई द्वारा मंजूर किए गए इन पांच पाठ्यक्रमों में चार टेलीविजन (निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमेटोग्राफी, वीडियो एडिटिंग और साउंड रिकॉर्डिंग) तथा एक फिल्म (फीचर फिल्म पटकथा लेखन) से संबंधित है।
एफटीआईआई गवर्निंग काउंसिल के चेरयरमैन श्री विजेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि एफटीआईआई के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। संस्थान को सभी पांच पीजी सार्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई की मंजूरी मिली है। इससे एफटीआईआई भारत का पहला फिल्म संस्थान बन गया है, जिसे यह मान्यता मिली है।
श्री सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में एफटीआईआई के टेलीविजन पाठ्यक्रम चर्चित रहे हैं, क्योंकि इन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं। एआईसीटीई की मंजूरी से टेलीविजन पाठ्यक्रमों के मूल्य में बढ़ोतरी हुई है और यह फिल्म निर्माण के पाठ्यक्रमों के समान ही आकर्षक हो गए हैं। एफटीआईआई के पटकथा लेखक मनोरंजन उद्योग में पहले से ही ख्याति अर्जित कर रहे हैं। एआईसीटीई की मंजूरी से 2019-20 शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों को लाभ होगा। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने जनवरी,2017 में एफटीआईआई के छह पीजी डिप्लोमा फिल्म पाठ्यक्रमों को स्नातकोत्तर डिग्री की मान्यता दी है। इसके साथ एफटीआईआई के सभी 11 पाठ्यक्रमों को या तो एआईयू या एआईसीटीई के द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।