नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में से पांच पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गए हैं, जबकि अन्य तीन राज्यों में पिछले कुछ दिनों से कोरोना का कोई नया पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई एक समीक्षा बैठक के बाद यह खुलासा किया। इस समीक्षा बैठक में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) शिलांग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमसी), पूर्वोत्तर हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम (एनईएचएचडीसी), पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम (एनईडीएफआई), बेंत एवं बांस तकनीक केन्द्र (सीबीटीसी) सहित विभिन्न सरकारी संगठनों और पीएसयू के प्रतिनिधियों ने संबंधित स्थानों से भाग लिया।
मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में पिछले छह साल के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास संबंधी बदलाव के एक मॉडल के रूप में सामने आया है। इसके साथ ही यह वर्तमान कोविड संकट के दौरान भी यह प्रभावी, परिश्रमी और अनुशासित स्वास्थ्य प्रबंधन के एक मॉडल के रूप में उभरा है।
विस्तार से बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 5 पूर्वोतर राज्यों सिक्किम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा पूरी तरह कोरोना मुक्त हैं, जबकि तीन अन्य राज्य असम, मेघालय और मिजोरम में क्रमशः 8, 11 और 1 कोरोना पॉजिटिव मामले हैं, जिनके अब निगेटिव होने का इंतजार किया जा रहा है जहां पिछली रात कोई नया मामला सामने नहीं आया था। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकारों, उनके मुख्यमंत्रियों और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय तथा पूर्वोतर परिषद के अधिकारियों को बेहतर समन्वय के साथ काम करने के लिए बधाई दी, जिसके चलते ही यह संभव हुआ है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोतर के राज्यों से मिले संक्रमण के प्रबंधन और कोरोना देखभाल, गंभीर इलाज तथा स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को समर्पित नई स्वास्थ्य संबंधी परियोजनाओं के प्रस्तावों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डीओएनईआर मंत्रालय ने लॉकडाउन से काफी पहले ही पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना से संबंधित गतिविधियों के लिए अंतर-वित्तपोषण के रूप में शुरुआती चरण के तौर पर 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी थी।
बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत छूट प्राप्त क्षेत्रों में हाल के दिनों में हुई विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां भी लीं, जिसमें मुख्य रूप से बांस से संबंधित गतिविधियां शामिल हैं।