लखनऊः भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के तहत आगरा और कानपुर में क्रमशः 26.41 करोड़ रुपये और 24.72 करोड़ रुपये की लागत के साथ दो फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स विकसित किए जायेंगे। भारत सरकार प्रत्येक परियोजना के लिए 12 करोड़ (दोनों परियोजनाओं हेतु 24 करोड़) का अनुदान देगी। इसके अलावा जौनपुर, फर्रुखाबाद और लखनऊ में मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। तीनों जिलों की डीपीआर पर भारत सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। तीनों परियोजनाओं की कुल लागत 21.54 करोड़ रुपये है और इसमें भारत सरकार का 14.05 करोड़ रुपये का अंश शामिल है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि उद्योग उद्यम संवर्धन निदेशालय (डीआईईपी) कानपुर तथा एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के तहत फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स तथा कॉमन फैसिलिटी सेंटर विकसित करने और जिलों में मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए भारत सरकार के अनुदान दिया जा रहा है। आगरा और कानपुर में फ्लैट फैक्ट्री परिसर की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और जौनपुर, लखनऊ और फर्रुखाबाद में मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त (एमएसएमई) की अध्यक्षता में गठित तकनीकी आर्थिक मूल्यांकन समिति ने प्रस्तुत परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
डा0 सहगल ने बताया कि आगरा और कानपुर में फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स (एफएफसी) उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगा। यह कम पूंजी निवेश से उद्यम शुरू करने के लिए एमएसएमई का भी समर्थन करेगा। उन्होंने बताया कि जौनपुर, लखनऊ और फर्रुखाबाद में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन से इस क्षेत्र को रोजगार सृजन, श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, भीड़-भाड़ को कम करने, बाजार की प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेगा, क्योंकि अधिक खरीदार विनिर्माण प्रतिष्ठानों तक पहुंचने में सक्षम होंगे और बुनियादी ढांचे का उन्नयन से प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा।