नई दिल्ली: वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की डील के बाद अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी अब नए प्लान पर काम कर रही है. वॉलमार्ट इंक ने शनिवार को यूएस रेग्युलेटर में की गई फाइलिंग में कहा कि चार साल के अंदर फ्लिपकार्ट का आईपीओ मार्केट में आ सकता है. ऐसा हुआ तो फ्लिपकार्ट स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हो सकती है. आपको बता दें कि बुधवार को अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी ने फ्लिपकार्ट के 77 प्रतिशत शेयर को 16 अरब डॉलर में खरीदने का ऐलान किया है.
एक्सचेंज कमीशन को दी जानकारी
वॉलमार्ट ने यूएस सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को दी गई जानकारी में कहा कि फ्लिपकार्ट सौदा होने के चार साल के अंदर फ्लिपकार्ट का बाजार में आईपीओ लाने की जरूरत पड़ सकती है. इस दौरान यह भी कहा गया कि वॉलमार्ट की तरफ से भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी में किए गए निवेश की तुलना में कम वेल्युएशन पर आईपीओ नहीं लाया जाना चाहिए. दोनों कंपनियों के सौदे के समय फ्लिपकार्ट की कीमत 21 अरब डॉलर आंकी गई थी.
एंटी ट्रस्ट रेग्युलेटर से मंजूरी मिलने का इंतजार
वॉलमार्ट की तरफ से बताया गया कि डील फाइनल होने के बाद कंपनी के शेयरधारकों में को-फाउंडर बिन्नी बंसल, चीन की टेन्सेंट होल्डिंग्स, यूएस हेज फंड टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प शामिल हैं. हालांकि अभी वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की डील को एंटी ट्रस्ट रेग्युलेटर से मंजूरी मिलने का इंतजार है. जल्द ही इस डील को मंजूरी मिलने की उम्मीद की जा रही है.
फ्लिपकार्ट से डील होने के बाद वॉलमार्ट को उम्मीद है कि भारत जैसे बड़े ई-कॉर्मस मार्केट में अब अमेजन को आसानी से टक्कर दी जा सकेगी. वॉलमार्ट की तरफ से यह भी बताया गया कि फ्लिपकार्ट के बोर्ड में 5 डायरेक्टर की नियुक्ति की जाएगी. इनमें से एक डायरेक्टर फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल होंगे.
आपको बता दें कि जापान के सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में अपनी 20-22 प्रतिशत हिस्सेदारी को वॉलमार्ट को बेचने पर कोई फैसला नहीं किया है. सॉफ्टबैंक के मसायोशी सोन के सात से दस दिन में इस पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है. सूत्र के अनुसार सॉफ्टबैंक का फ्लिपकार्ट से बाहर आने का निर्णय करना अभी बाकी है.
इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि हिस्सेदारी बेचने पर सॉफ्टबैंक को होने वाले लाभ पर कर चुकाना होगा, जिसके आधार पर वह फैसला करेगा. सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया था, जबकि इससे बाहर आने पर उसे 4.5 अरब डॉलर मिलेंगे. इस तरह दो अरब डॉलर के लाभ पर भारतीय कानून के अनुसार उसे कर देना होगा. Zee News