20 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पर्वतीय क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार में निवेश पर हो फोकसः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

मुम्बई/देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड को वैलनैस डेस्टीनेशन के तौर पर विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए विश्व स्तरीय पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व भारत सरकार के सहयोग से इस दिशा में बड़ी पहल की गई है। समावेशी विकास के लिए दुर्गम व पर्वतीय क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रचर सुधार पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री, मुम्बई स्थित एनसीपीए में एशियन इन्फ्रास्ट्रचर इन्वेस्टमेंट बैंक की तीसरी बैठक में ‘विजन ऑफ इन्फ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट इन इंडिया’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक विकास आकांक्षी राज्य है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश की व्यापक सम्भावनाएं हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से सड़क, रेल, हवाई सेवाएं आदि में पिछले कुछ समय में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। ऑल वेदर रोड़ से उत्तराखण्ड की आर्थिकी में बड़ा बदलाव आएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सारी दुनिया, योग की शक्ति को मानने लगी है। उत्तराखण्ड में योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में बड़ी सम्भावनाएं हैं। यहां एक मेडी सिटी की सम्भावना पर भी विचार किया जाना चाहिए। जहां आयुर्वेद, एलोपैथिक  होम्योपैथिक, प्राकृतिक चिकित्सा सभी प्रणालियों की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों। पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा होने वाली जड़ी बूटी के लिए प्रोसेसिंग हब स्थापित किए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में आईटी, बायोटेक्नोलोजी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भी काफी सम्भावनाएं हैं। धार्मिक, साहसिक, सांस्कृतिक, नेचर, वैलनेस, विलेज टूरिज्म के माध्यम से उत्तराखण्ड की पहचान बहुआयामी पर्यटन हब के तौर पर बनाई जा सकती है। 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन के तहत सभी जिलों में एक-एक नया टूरिस्ट डेस्टीनेशन विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने राज्य को इनोवेशन हब बनाने के लिए तत्पर हैं। इसके लिए स्टार्टअप पॉलिसी बनाई गई है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण स्थापित है। सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वही राज्य विकास की दौड़ में आगे निकल सकता है जहां कि भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ डिजीटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतरीन होगा। इसके लिए उत्तराखण्ड में इंटरनेट कनेक्टीवीटी को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाईल व इंटरनेट कनेक्टीवीटी के लिए बैलून तकनीक को अपनाने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सेज (एस.ई.जेड) की तर्ज पर एक एक्सक्लूजिव डिजीटल जोन की स्थापना की जा सकती है जिसमें आई.टी आधारित सेवाओं जैसे बीपीओ, कॉल सेंटर व इलेक्ट्रानिक प्रणालियों की डिजाईन व उत्पादन इकाइयां लगाई जा सकती हैं। शहरों में स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नलिंग, आवश्यक सेवाओं के भुगतान, सीसीटीवी सर्विलांस आदि के लिए सूचना प्रौद्योगिकी व डिजीटल सिस्टम का उपयोग कर नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए निवेश किया जा सकता है। इनमें सड़क सुधार व सड़क सुरक्षा, रोपवे, मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम, पेयजल अवस्थापना, सीवरेज, जल स्त्रोतों के पुनर्जीविकरण, जमरानी, सौंग व त्यूनी प्लासो बांध निर्माण, माइक्रो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, पावर ट्रांसमीसन लाईनों की स्थापना, शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना विकास, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेशन सेंटर व टिहरी को टूरिज्म डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करना प्रमुख हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More