देहरादून: अगर महिलाओं को सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों से लाभ मिलने में बाधाएं आ रही हैं तो जल्द ही महिला हेल्पलाईन नम्बर 181 पर इसकी शिकायत की जा सकेगी। इस नम्बर पर हिंसा व उत्पीड़न की शिकायतें भी महिलाएं कर सकती हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महिला हेल्प लाईन 181 की समीक्षा करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस नम्बर को एक्टीव कर दिया जाए। इस पर कम से कम समय में रेस्पोन्स सुनिश्चित किया जाए। हेल्पलाईन पर सम्पर्क करने वाली महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण टाईम बाउंड तरीके से किया जाए। हेल्पलाईन का ग्राम स्तर तक व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। इसके लिए जगह-जगह जागरूकता व संवेदीकरण कैम्प लगाए जाएं। इससे महिला अधिकारियों, समाजसेवा में काम कर रही महिलाओं व स्थानीय महिला जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पहले से संचालित किए जा रहे विभिन्न हेल्पलाईनों जैसे कि 1090, 108 आदि को इस नए महिला हेल्पलाईन नम्बर 181 के साथ जोड़ा जाए। इस तरह का सिस्टम तैयार किया जाए कि एक हेल्पलाईन का नम्बर व्यस्त रहने पर काॅल दूसरे हेल्पलाईन नम्बर पर आॅटोमेटिकली ट्रांसफर हो जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाएं, महिला कल्याण व महिला सशक्तिकरण के लिए प्रारम्भ की हैं। इन सभी योजनाओं का लाभ महिलाओं को उनके अधिकार के तौर पर मिलना चाहिए। प्रत्येक विभाग अपने यहां कुछ कार्यक्रमों को महिला केंद्रित योजनाओं के रूप में चिन्हित करें। अगर महिलाओं को उनके लिए संचालित की जा रही योजनाओं से कतिपय कारणों से लाभ नहीं मिल रहा है तो उसकी शिकायत भी महिला हेल्पलाईन 181 पर की जा सकती है। हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों को विभाग पूरी संवेदनशीलता से निस्तारित करें। सभी विभाग इसके लिए अपने यहां योग्य व संवेदनशील नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने हेल्पलाईन 181 की निरंतर समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों का योजना के प्रति संवेदीकरण करने के लिए एक बड़ी वर्कशाॅप आयोजित की जाए। हेल्पलाईन के आपरेटरों को भी प्रशिक्षण दिया जाए। विशेषतः महिला कल्याण के लिए विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की पूरी जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने लाभ में से 1-1 करोड़ रूपए महिला सशक्तिकरण के लिए दें। आंगनबाड़ी केंद्रों में आर.ओ. व वाटर फिल्टर लगाने में इस राशि का उपयोग किया जाएगा।
बैठक में विधायक श्रीमती ममता राकेश, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, डीजीपी एम.ए.गणपति, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव डा.भूपिंदर कौर औलख सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।