देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को सचिवालय में गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव गन्ना विकास विनोद शर्मा उपस्थित थे।
बैठक में सचिव गन्ना विकास द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस वर्ष राज्य चीनी मिलों द्वारा 300 लाख कुन्टल गन्ना पिराई की गई है और अब तक 510 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जो कि कुल भुगतान का लगभग 75 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने शेष भुगतान के सम्बंध में निर्देश दिये कि सभी चीनी मिल चीनी विक्रय कर गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराएं। ताकि किसानो को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान होने के साथ ही उनकी कठिनाइयों का निराकरण हो सके। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्रो की चीनी मिलों द्वारा गत वर्ष की चीनी को अधिक से अधिक मात्रा में बेचा जाए ताकि प्राप्त धनराशि से गन्ना मूल्य भुगतान हो सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी निर्देश दिए कि जिन चीनी मिलों का आधुनिकरण किया जाना है उसके आदेश भी तत्काल दिए जाए। इस सम्बंध में सचिव गन्ना विकास द्वारा अवगत कराया गया कि बाजपुर चीनी मिल के सम्बंध में यूजेवीएनएल के साथ उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल संघ का एमओयू अन्तिम चरण में है। एमओयू होने के उपरान्त चीनी मिल के आधुनिकरण व रीजनरेशन के आदेश निर्गत कर दिए जायेगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस वर्ष सभी चीनी मिलों द्वारा बेहतर प्रदर्शन करने से चीनी की रिकवरी .60 प्रतिशत बढ़ने पर सन्तोष व्यक्त किया है, साथ ही निर्देश दिए कि गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में चलाया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि अगली वैरायटी (अगेती प्रजातियाॅ) प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में कम से कम 40 प्रतिशत हो। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि राज्य के गन्ना शोध केन्द्रों तथा राज्य से बाहर के शोध केन्द्रो से भी गन्ना बीज प्राप्त किये जाए।