देहरादून: इस वर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए केदारनाथ धाम में एक हजार अतिरिक्त यात्रियों के रूकने की पुख्ता व्यवस्थाएं की जाएं। यात्रा मार्ग में शौचालयों की साफ-सफाई उच्च स्तरीय हों। बारिश व भूस्खलन के कारण बंद यात्रा मार्गों को तत्काल खोलने के लिए संवेदनशील स्थानों पर अभियंता, श्रमिक, जेसीबी, की तैनाती पहले से ही रखी जाए। चारधाम यात्रा मार्ग के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी विशेष तौर पर नियुक्त किया जाए। शुक्रवार को बीजापुर हाउस में देर रात्रि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पिछले वर्ष की सफल चार धाम यात्रा से देश विदेश में सकारात्मक संदेश गया है। उसी का परिणाम है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में दोगुने से अधिक है। तीर्थ यात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की सुविधाएं जुटाई जाएं। उन्हें किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पडे, इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए। आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं कि यात्रा मार्ग बन्द होने की दशा में बन्द मार्गएक-दो घण्टे की अन्दर खोल दिया जाए। जिसके लिए जेसीबी आदि मशीनें इन स्थानों में उपलब्ध करायी जाए। सिरोबगड़, घोलतीर, मैठाणा आदि स्थानों पर भी पुलिस चौकी बनाई जाए। साथ ही यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं हेतु सुलभ शौचालयों का निर्माण भी यात्रा मार्गों में किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा हेतु पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की तैनाती की जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता अच्छी हो इसके पूरे प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि यदि महिला स्वयं सहायता समूहों या स्थानीय लोगो द्वारा भी भोजन बनाने की पेशकश की जाती है, तो उन्हें भी प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग, बी.आर.ओ व कार्यदायी संस्थाओं को मार्गों में और अधिक सुधार लाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग जहां-जहां खराब है, उन स्थानों में त्वरित गति से सुधार कर लिया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने आई.जी. संजय गुंज्याल एवं एम.डी. गढ़वाल मण्डल रवि शंकर को निर्देश दिए कि आगामी 10 दिनों में केदारनाथ में लगभग एक हजार अतिरिक्त श्रद्धालुओं व तीर्थ यात्रियों के ठहरने हेतु टेन्ट स्थापित करने के निर्देश दिए। इसके लिए जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग आई.जी. एवं एम.डी. जीएमवीएन के साथ समन्वय स्थापित कर सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों में पेयजल, स्वास्थ्य, विद्युत आदि मूलभूत सुविधाओं की आपूर्ति करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्थानों में पेयजल आपूर्ति की दिक्कत होने की संभावना हो, उन स्थानों में पानी के टेंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति की व्यवस्था कर ली जाए। बीएसएनएल की सेवाओं को चारधाम यात्रा मार्गों में दुरूस्त किया जाए। जिससे की यात्रियों को नेटवर्किंग में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कमिश्नर गढ़वाल सी.एस.नपलच्याल को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर एस.डी.एम स्तर के अधिकारियों को चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के निरीक्षण हेतु तैनात किया जाए।