21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पेयजल विभाग की समीक्षा करते हुए: मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पेयजल विभाग की समीक्षा करते हुए जलाशयों एवं जल संरक्षण क्षेत्रों के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने पानी की बरबादी रोकने तथा जल संचय के प्रति जन-जागरूकता के प्रसार पर भी ध्यान देने को कहा।
सचिवालय में पेयजल एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जल संचय के लिए वाटर बोनस की व्यवस्था की कार्ययोजना भी तैयार की जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुडे। पानी के प्राकृतिक स्रोतों के विकास तथा जल संग्रहण के क्षेत्र में व्यापक कार्ययोजना बनाने से पलायन की समस्या भी कम हो सकेगी। वर्षा के पानी को एकत्रित करने की दिशा में भी कार्य करने की उन्होंने जरूरत बतायी।
वन क्षेत्रों में भी जल संग्रहण के लिए बड़ी संख्या में टेंचेज बनाये जाए। इस कार्य में वन पंचायतों का सहयोग लिया जाए। मनरेगा से भी इसमें मदद की जा सकती है। वनों में पानी रूकने से हरियाली बढेगी तथा वनाग्नि को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह वर्ष महिला स्वयं सहायता समूहों को समर्पित है। इन समूहों की भागीदारी जन सहभागिता के कार्यक्रमां में हो, इसके भी प्रयास किये जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में वॉटर प्रोटोकाल डेवलप करने के लिए सचिव पेयजल व अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके लिये समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवम्बर तक जो लोग चाल-खाल व घरो की छतों से वर्षा का पानी एकत्र करने जैसे जल संचय के कार्यक्रमों में भागीदारी निभायेंगे। उन्हें वाटर बोनस देने की व्यवस्था की जायेगी। पानी के संचय से ही गांवों को हम आबाद रख पायेंगे। पानी की बरबादी को रोकने के लिए समाज में जन जागरूकता अभियान संचालित करने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पानी के संचय के लिए दिल्ली व चैन्नई जैसे शहरों द्वारा अपनायी जा रही व्यवस्था का अध्ययन करने पर भी बल दिया।
इससे पूर्व सचिवालय में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस वर्ष कम से कम 200 ग्रामीण सड़कों को पूर्ण करने के निर्देश दिये। गांवों को सड़को से जोडने के लिये जो व्यवहारिक कठिनाइयां है, उसका निराकरण स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी वनाधिकारियों से समन्वय कर कार्यवाही करें। इसके लिए 27 मई को सभी जिलाधिकारियों व वनाधिकारियों की वीडियोकांफ्रेंसिंग के निर्देश उन्होंने मुख्य सचिव को दिए है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ग्रामीण सडकों के निर्माण के लिए नाबार्ड से भी धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। गांवों को सडको से जोडने के लिए मनरेगा से भी व्यवस्था किये जाने के निर्देश उन्होंने मुख्य विकास अधिकारियों को दिये है। बैठक में सचिव शैलेश बगोली ने आरईएस द्वारा बनायी जा रही सडको का विवरण प्रस्तुत किया गया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More