देहरादून: इको टूरिज्म कारपोरशन का गठन जल्द कर दिया जाए। प्रदेश में चार बुरांश पार्क विकसित किए जाएं जिनमें बुरांश व काफल का सघन प्लांटेशन किया जाए। कैम्पा के तहत सूअर रोधी दीवारों के लिए पांच वर्षीय प्लान तैयार किया जाए। हाथियों से प्रभावित क्षेत्रों व ग्रामों में मधुमक्खी पालन की स्किम बनाई जाए। वन विभाग प्रदेश में 10 हजार जलाशय बनाए। राज्य के नए क्षेत्रों में बर्ड फेस्टीवल आयोजित किए जाएं। प्रत्येक गांव में महिला समूह बनाकर उन्हें चीड़ की पत्तियां एकत्र करने का काम दिया जाए। सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि टाईगर सफारी की भांति ही लेपर्ड सफारी की सम्भावना भी देखी जाए। नक्काशी की जा सकने वाली लकड़ी के पेड़ों को लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की जाए। राज्य में ग्रामीणों के हक हकूक के तहत सुनिश्चित कर लिया जाए कि वनों से नियमों के अंतर्गत लकड़ी लेने में कोई अड़चनें न आएं।
बैठक में वनों व लोगों की आजीविका के साथ जोड़ने पर गहन विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्थानीय लोगों को वनो के प्रति उत्तरदायी बनाने के साथ वनों के द्वारा उनकी अजीविका के साधन भी विकसित करना होगा। इससे वनों के प्रति जनता में एक नई अवधारणा विकसित करनी होगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बन्दरों के के लिए राज्य में स्टर्लाइजेशन सेन्टर खोले जाये जिसमें तीन गढ़वाल तथा तीन कुमाऊॅ क्षेत्र में स्थापित हो। राज्य में बन्दरों को पकड़ कर घने जंगलों छोड़ने के लिए अभियान संचालित किया जाए। बताया गया कि टैªपर को बुला दिया गया है अभी तक उन्होंने 6000 बन्दरों को पकड़ने में सहायता की है एक आपात स्काॅयड का भी प्रबन्ध किया गया है जो शिकायत पर तुरन्त कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। स्ट्रीट डाॅग के लिए देहरादून तथा रानीखेत में स्र्टलाइजेशन सेन्टर खोले गये है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देशित किया कि 10 वेटरनरी सर्जन सविंदा के आधार शीघ््रा भर्ती किये जाये। श्री रावत ने 2 करोड़ रूपये बन्दरों की टैªपिंग तथा 1.5 करोड़ रूपये उनके आॅपरेशन के लिए अनुमोदित किये। उन्होने निर्देशित किया कि सम्पूर्ण राज्य में ऐसे स्थानों कि खोज कि जाये जहाॅं से बन्दरों व कुतों आदि का अतिक्रमण होता है । पुलिस प्रशासन से इस सम्बन्ध में समन्वय बना कर बंदरों की दूसरे प्रदेशों से आवाजाही को शीघ्र रोका जाये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में स्थानीय जंगली फलों घिंगारू, आंवला, मालू, जगंली बेरिया, मोटा अनाज, मंडुआ, झंगोरा, मोटी घास व बांस आदि के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाये। काठी आम को वन क्षेत्रों में वितरित किया जाये ताकि वन्य प्राणी अपने भोजन सम्बन्धी आवश्यकताऐं वनों में ही पूरी कर ले। हाथियों के अतिक्रमण संभावित क्षेत्रों में साल, करी पत्ता, बांस, रोहिनी रोपण तथा मधुमक्खी पालन आदि को प्रोत्साहन दिया जाये। राज्य में उपरोक्त फसलों का गहन रोपण किया जायेगा।
वनों मे जल की कमी को दूर करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि राज्य में कम से कम 10हजार जल ईकाइया व टैªन्च विकसित किए जाएं ताकि वन क्षेत्री में जल की कमी दूर होने से वन्य प्राणी को मानव बसावटों मे जल की खोज के लिए अतिक्रमण नहीं करना पडे़गा। साथ ही वनों के नमी स्तर बढ़़ने से वनाग्नि पर भी प्रभावी अकुंश लगेगा। वनों में छोटी झाड़ियों के गहन रोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिये । राज्य सरकार के उपरोक्त प्रयासो से राज्य में जल-स्थिति को दो वर्षो की भीतर बदलने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अगले पांच वर्षो के भीतर जंगली जानवरों सुअर, बन्दरों आदि के अतिक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा दीवारों का डिमारकेशन सुनिश्चित किया जाय। चीड़ के विस्तार को रोकने तथा चैड़ी पत्ती वाले व बांज को लगाने के लिए ठोस कार्ययोजना शीघ््रा बनायी जाये। प्रत्येक गांव में 10-10 महिलाओ के समूह बनाकर उन्हें चीड़ की पतियों को एकत्र करने का काम दिया जाए। आगामी मार्च से यह काम शुरू कर दिया जाए। साथ ही इसके लिए महिला समूहो को उचित भुगतान कि व्यवस्था कि जाय।
बैठक में बताया गया कि मुख्यंमत्री श्री रावत के निर्देशानुसार राज्य दो रेप्टाइल पार्क नवम्बर तक आरम्भ हो जायेगे। मरचूला में यह तैयार हो गया है। इनमें स्थानीय प्रजाति के सरीसृप तथा अन्य प्रजातियों को संरक्षण किया जायेगा। मुख्यंमत्री ने कहा कि यह पार्क भविष्य में कार्बेट नेशनल पार्क के समान ही लोकप्रिय होंगे तथा पर्यटन गतिविधियों के साथ राज्य में पारिस्थितिकी संतुलन को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में लच्छीवाला तथा नैनीताल में बटरफलाई पार्क आरम्भ किये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने राज्य में बर्ड फेस्टिवल आयोजित करने के निर्देश दिये साथ ही बर्ड पार्क के लिए नये क्षेत्रों व आकर्षण की सम्भावनाऐं तलाशी जाय जिससे स्थानीय युवाओं का रोजगार मिलेगा। इस वर्ष मुन्सयारी में बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। टाइगर सफारी के साथ ही लेपर्ड सफारी के विकास की सम्भावनाऐं तलाशी जाये। मुख्यंमत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य की सुन्दर साइटों की खोज करके उन्हे विकसित किया जाय जिनमें तुंगनाथ, चम्पावत, मन्दमहेशवर आदि कुछ क्षेत्रों मे सघन बुरांश, काफल, घिंघारू आदि का वृक्षारोपण करवाया जाय यह पर्यटन कि दृष्टि से बडे़ आकर्षण हो सकते है।
बैठक में केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।