देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वन विभाग एवं वन निगम के अधिकारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा है, ताकि वनाधारित कार्यक्रमों एवं योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो सके। उन्होंने वन विकास निगम को अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही व्यवसायिक आधार को मजबूत करने की दिशा में भी पहल करने को कहा । निगम माइनिंग के कार्य के लिए अलग से महाप्रबंधकों की नियुक्ति करे। इको स्पोटर्स एडवेयर इको टूरिज्म, बर्ड वाचिंग व छोटे छोटे चिडियाघरों के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जाए। यह प्रयास हो कि आज निगम की जितनी आय हो रही है, दो साल के अन्दर वह दुगनी जाय।
मंगलवार को अरण्य विकास भवन डालनवाला में वन विभाग व वन निगम की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि फारेस्ट कन्जरवेशन एक्ट के तहत वन विकास निगम को व्यवसायिक गतिविधियों के लिए और अधिक सहूलियतें दी जाए। माईनिंग के क्षेत्र में और अधिक व्यवहारिक ढंग से कार्य करने की दिशा में निगम को सोचना होगा। इसके लिए आर.बी.एम के मूल्यांकन के संबंध में पूरी स्थिति व तथ्यों से भारत सरकार को अवगत कराया जाय। इस संबंध में शीघ्र मानक भी तय किये जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश की उप खनिज नीति निर्धारित की गई है, निगम इसका भी संज्ञान लेकर कार्यवाही करे।
उन्होंने कहा कि वन निगम आगामी 10 सालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पूरी कार्ययोजना बनायें। उप खनिज प्रकोष्ठ व अन्य कार्यों के लिए एक विण्डो बनायें। निगम अपने क्रेसर स्थापित करें। बडी निर्माण एजेंसियों को लाट आवंटन की दिशा में भी सोचे। प्रयास यह हो कि खनिजों, वन संपदा का अवैध कारोबार पूरी तरह बंद हो तथा निगम की आय बढ़े। उन्हेांने रायल्टी निर्धारण की विसंगतियों को दूर करने, जलौनी तथा बिना रायल्टी के अन्य लाटो की आवंटन प्रक्रिया को युक्तिसंगत बनाने, चीड गुनिया की छपान का कार्य वन निगम को हस्तांतरित करने, निजि व वन पंचायत क्षेत्रों के वृक्षों का आवंटन भी वन निगम को दिये जाने व इसके विरूद्ध दी जाने वाली रायल्टी का भुगतान तत्काल एवं एकमुश्त वन निगम द्वारा किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उप खनिजों की बिक्री पर कर समाधान योजना के संबंध में भी शीघ्र आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने वनों से सूखे, उखड़े व गिरे वृक्षों के आवंटन में भी वृद्धि करने वनों से उप खनिज की चोरी रोकने के लिए वन निगम के संबंधित अधिकारियों को भी अधिकार दिये जाने के भी उन्होंने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से संबंधित प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु भी प्रभावी पहल की जाए।
बैठक में वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्रीकान्त चन्दोला ने विभागीय कार्य योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि गत वर्ष निगम की आय 510 करोड़ रही। निगम द्वारा वृक्षारोपण के लिए 10 करोड़ की धनराशि प्रदान की गई जबकि 5 आपदाग्रस्त जनपदों की 500 महिला मंगलदलों को 5 करोड़ की आवश्यक सामाग्री उपलब्ध करायी गई। अन्य लोकोपयोगी कार्य के लिए भी निगम द्वारा 3 करोड़ का योगदान दिया गया। निगम द्वारा वन विकास निगम के अध्यक्ष हरीश धामी की पहल पर निर्धन वर्ग चिकित्सा योजना भी आरम्भ की गई है।
बैठक में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, वन विकास निगम के अध्यक्ष हरीश धामी, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव वन डाॅ. रणबीर सिंह, सचिव शैलेश बगोली, प्रमुख वन संरक्षक एस.एस.शर्मा आदि उपस्थित थे।