उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सरकारी बंगला 13 मॉल एवेन्यू खाली कर दिया है. मायावती सरकारी बंगले से निजी घर में शिफ्ट हो गईं हैं. अपने सरकारी बंगले को लेकर हो रहे विवाद पर उन्होंने मीडिया के सामने शनिवार को बयान दिया और कहा कि बंगला खाली न करने का आरोप गलत है.
मायावती ने आगे कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर की मौत के बाद वह कांशीराम ही थे, जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए काम किया था और यह मॉल एवेन्यू की संपत्ति को उनके स्मरण में एक स्मारक में परिवर्तित कर दिया गया था.
इससे पहले राज्य संपत्ति विभाग ने 13 मॉल एवेन्यू को खाली करने का नोटिस दिया था, क्योंकि यही बंगला मायावती के नाम से आवंटित था. वहीं मायावती ने 2011 का एक शासनादेश दिखाते हुए दावा किया था कि 13 मॉल एवेन्यू चूकवश उनके सरकारी बंगले के तौर पर लिखा गया, जबकि ये बंगला कांशीराम स्मारक के नाम से अलॉट किया गया है.
शीर्ष कोर्ट के आदेश पर राज्य संपत्ति विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया था, जिसके बाद मायावती ने बंगला खाली किया है. मायावती ने कहा कि कांशीराम जब भी लखनऊ आते तो इस संपत्ति में रहना पसंद करते थे. मैं इसके छोटे से हिस्से में रहा करती थी.
पूर्व सीएम रहते हुए मुझे लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर बंगला आवंटित किया गया था, जिसको मैं खाली कर चुकी हूं और उसकी चाबियां राज्य संपत्ति विभाग को दे दी गई हैं.
Lucknow: BSP Chief Mayawati hands over the charge of her govt bungalow to officer of 'Rajya Sampati Vibhag'. pic.twitter.com/Z4YzoG8KKL
— ANI UP (@ANINewsUP) June 2, 2018
मायावती ने कहा कि मैं आज इस संपत्ति को खाली कर रही हूं और यह संपत्ति कांशीराम मेमोरियल के रूप में रहेगी. अब राज्य सरकार को स्मारक का ख्याल रखना है. मेरी सुरक्षा मेरे निजी निवास पर मेरे साथ जाएगी.
मायावती का नया ठिकाना
मायावती 13 मॉल एवेन्यू छोड़कर पास में ही बने निजी मकान 9 मॉल एवेन्यू में शिफ्ट हो गईं हैं. अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान ही मायावती ने 9 मॉल एवेन्यू का यह बंगला खरीदा था और इसे भी उसी लाल पत्थरों से बनवाया था, जिस लाल पत्थरों से स्मारक बनवाने के लिए वह जानी जाती हैं.