नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहनसिंह ने कहा है कि रोम में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) परिषद 160वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा-ज्वार दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। उन्होंने इसके लिए देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे खाद्य और पोषाहार सुरक्षा के लिए खाने की थाली में पौष्टिक अनाजों को वापस लाने के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए उत्पादन बढ़ेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी के शासनकाल में कृषि कूटनीति में भारत की शक्ति बढ़ी है। पौष्टिक अनाजों की उपज और खपत को प्रोत्साहित करने के लिए भारत द्वारा 2018 को राष्ट्रीय बाजरा-ज्वार वर्ष के रूप में मनाने की पृष्ठभूमि में यह अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली है। ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की गई है। इस फसल में ज्वार, बाजरा, रागी आते हैं और इन्हें पौष्टिक अनाज माना जाता है। ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1725 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1425 रुपये प्रति क्विंटल से 1950 रुपये प्रति क्विंटल तथा रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1900 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2897 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के माध्यम से राज्य सरकारों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से ज्वार, बाजरा, मक्का खरीदने की अनुमति दी गई है।
इसके अतिरिक्त एफएओ परिषद ने 2020 तथा 2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यकम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी बोर्ड में भारत की सदस्यता को भी स्वीकृति दे दी है। कृषि मंत्री ने इसके लिए अन्य सदस्य देशों के प्रति आभार व्यक्त किया।