नई दिल्ली: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ऑपरेशन ग्रीन के तहत देश में सालों भर आलू, प्याज और टमाटर की उपलब्धता बनाये रखने तथा इनके मूल्य में स्थिरता बरकरार रखने के लिए सोमवार को दिशानिर्देश जारी किये।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने दिशानिर्देश जारी किये। इस वर्ष के बजट में ऑपरेशन ग्रीन योजना की घोषणा की गई थी। इसके लिए 5०० करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कम अवधि की योजना के तहत आलू, प्याज और टमाटर के मूल्य में स्थिरता बनाये रखने को लेकर नेफेड को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। इसके तहत 5० प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी। आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन से भंडारण तथा समुचित भंडारण सुविधा के लिए 5० प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी। लम्बी अवधि की योजना के तहत समेकित वैल्यू चेन विकास परियोजना को मंजूरी दी गयी है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में क्षमता निर्माण और उसके परिसंघ, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, फसल उत्पादन बाद प्रसंस्करण सुविधा, कृषि लाजिस्टिक, विपणन और खपत तथा मांग एवं आपूर्ति प्रबंधन के लिए इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म का निर्माण योजना को मंजूरी दी गई है।
इसके तहत सभी क्षेत्र में परियोजना लागत का 5० प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जायेगी जो अधिकतम 5० करोड़ रुपये होगी। इसमें राज्य कृषि एवं अन्य विपणन संघ, किसान प्रोडूसर संगठन, सहकारी समितियां, कम्पनियां, स्वयं सहायता समूह खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी कम्पनियां, लॉजिस्टिक ऑपरेटर खुदरा और थोक चेन तथा सरकार से जुड़े संगठन इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाना और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर वस्तुओं को उपलब्ध कराना, बाजार उपलब्ध कराना, खेत के स्तर पर ही आधारभूत सुविधाओं का विस्तार कर फसल उत्पादन के बाद उसके नुकसान को कम करना, भंडारण सुविधा का विकास करना, खाद्य प्रसंस्करण सुविधा का विस्तार करना आदि शामिल है। श्रीमती बादल ने कहा कि नई व्यवस्था के शुरु होने आलू, प्याज और टमाटर के मूल्य में उतार चढाव पर अंकुश लग सकेगा।
उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश को मंजूरी दिये जाने के पूर्व इससे संबंधित पक्षों के साथ लगातार बातचीत की गयी थी। सरकार देश के हरेक परिवार को सालों पर उचित मूल्य पर आलू, प्याज और टमाटर उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिबद्ध है। रॉयल बुलेटिन