20 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 का किया जाए व्यापक प्रचार प्रसार: केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के जरिए किसानों की आमदनी  और बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि गेहूं, दूध, गन्ना, आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज, शहद के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक स्थान पर है लेकिन प्रसंस्करण में गति बढ़ाने की प्रबल आवश्यकता है और इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू की गयी है। श्री केशव प्रसाद मौर्य आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए बहुत ही लाभप्रद सुविधाएं दी गई हैं और बेहतर अनुदान का प्राविधान किया गया है, इससे उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य संस्करण इकाइयां लगेगी और किसानो के उत्पादों की मांग बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी तो बढ़ेगी ही और यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा तथा इकाइयों को भी फायदा होगा। कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि प्रोडक्ट, ऊर्जा, भूमि, नदियां, पानी, श्रमशक्ति जलवायु, सिंचाई सुविधा आवागमन की सुविधा और सुरक्षा का बेहतर माहौल है, इसलिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने की अपार संभावनाएं हैं कहा कि खाद्य संस्करण यूनिट लगाने से कृषि उत्पादों  का मूल्य बढ़ेगा, किसानों की आय बढ़ेगी किसानो के उत्पादन के नुकसान में कमी आएगी, रोजगार में वृद्धि होगी, हर समय उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और निर्यात की संभावनाएं बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-23 में उद्यमियों के लिए लाभप्रद सुविधाएं दी जा रही है, किसानों का कोई उत्पादन बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।यूनिट लगाने के साथ कोल्ड चेन भी मेनटेन करना है। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने का बहुत ही अनुकूल माहौल है। हमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो को स्थापित कराकर उत्तर प्रदेश के नौजवानों को बेरोजगारो को नौकरी देने वाला बनाना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 का व्यापक स्तर  पर प्रचार प्रसार कराया जाए, ताकि गांव-गांव में इकाइयां लग जांय।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने 10 उद्यमियों को  450.60 लाख की अनुदान राशि वितरित किया और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के चयनित लाभार्थियों को लेटर आफ कम्फर्ट वितरित किए। उन्होंने एम एस सी फूड टेक्नोलॉजी के कुछ प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा की खाद्य संस्करण नीति का इतना व्यापक प्रचार किया जाए कि प्रदेश के अंदर के लोग तो यहां उद्योग लगाए ही, अन्य प्रान्तों के लोग भी यहां उद्योग लगाने के लिए प्रेरित और आकर्षित हो। बड़े उद्यमियों का उन्होंने आह्वन किया कि वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने में छोटे उद्योगों को भी अपने साथ जोड़े ।उत्तर प्रदेश का नौजवान किसी भी दिशा में पलायन न करने पाये। उन्होंने कहा पर प्रसंस्करण इकाई लगाने में समस्याओं के निदान के लिए एक सिस्टम डेवलप किया जाएगा, जिससे किसी भी उद्यमी को कहीं भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि बैंकर्स के साथ बैठक कर उद्यमियों को बैंकर्स से होने वाली समस्याओं का हर हाल में निदान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा ऐसे प्रोजेक्ट धरातल पर उतारे कि उत्तर प्रदेश का उदाहरण दिया जाने लगे ।यहां प्रतिभा और योग्यता की कोई कमी नहीं है, सिर्फ नौजवानों को प्रेरित करने और योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश के किसानों की फसल बर्बाद नहीं होने देना है, यह संकल्प लेकर के जाना है।
कृषि उत्पादन आयोग श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में एग्रीकल्चर पावर हाउस की तरह है और एग्रीकल्चर उत्पाद के प्रोसेसिंग होने से अर्थव्यवस्था बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ेगी। देश में गेहूं के कुल उत्पादन का 38प्रतिशत उत्तर प्रदेश में उत्पादन होता है। फूड प्रोसेसिंग से यहां के किसानों की आमदनी तो बढ़ेगी ही, रोजगार भी सृजित होंगे। फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने से सीधा-सीधा फायदा किसानों का होगा। कहा कि नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में 10 करोड़ तक की सब्सिडी देने का प्राविधान किया गया है। कहा कि जिस क्षेत्र में जिस-जिस चीज का उत्पादन बहुतायत में होता है या जहां किसानों को विशेषज्ञता ज्यादा हासिल है, उस क्षेत्र में उसी के अनुरूप इकाइयां लगाई जांय तो, किसानों का और अधिक फायदा होगा, साथ ही उद्यमियों को भी सहूलियत होगी। कहा कि उद्यमी  इस नीति का अधिक से अधिक लाभ उठायें।
कार्यशाला में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र के विभिन्न उद्यमियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री अतुल कुमार सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उप निदेशक श्री प्रवीण कुमार ने नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति की विशेषतायें बतायी। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये उद्यमी, विशेषज्ञ व विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More