लखनऊ: उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विशेष आर्थिक पैकेज के अन्तर्गत घोषित स्कीम फार फार्मेलाईजेशन आफ माइक्रोफूड प्रोसेसिंग इण्टरप्राइजेज योजना असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उच्चीकरण, ब्रांडिंग एवं प्रतिस्पर्धात्मक रूप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से क्रियान्वित की जायेगी। भारत सरकार द्वारा इस योजना के अन्तर्गत रू0 10 हजार करोड़ का प्राविधान किया गया है। यह योजना ग्रामीण एवं असंगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं गुणवत्ता मानकों के उच्चीकरण हेतु महत्वपूर्ण होगी।
श्री मौर्य ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत 8 लाख माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इण्टर प्राइजेज लाभान्वित होंगी और लगभग 9 लाख स्कील्ड और अर्ध स्कील्ड रोजगार के अवसर सृजित होंगे। एक अनुमान के अनुसार उ0प्र0 में लगभग 3.50 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इस योजना में भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश एवं राज्यांश के रूप में 60रू 40 का अनुपात निर्धारित किया गया है।
श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017 के अन्तर्गत अबतक कुल 457 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनमें पूंजी निवेश रू0 2528.50 करोड़ तथा कुल प्रस्तावित रोजगार सृजन अवसर 38636 होंगे। इसमें से अब तक 275 परियोजनाएं, जिनमें निजी पूंजीगत निवेश रू0 923.93 करोड़ हुआ है तथा अनुदान धनराशि रू0 55.6 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके सापेक्ष 134 प्रस्तावों की अनुदान धनराशि रू0 36 करोड़ 93 लाख 88 हजार संस्थाओं को अवमुक्त की गयी है।
उन्होने बताया कि उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के अन्तर्गत महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना चलायी जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत किसानांे और युवकों को उद्यमी बनाकर उनकी आय में वृद्धि करना है। इसके अन्तर्गत न्याय पंचायत स्तर पर तीन दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर आयोजित किये जाने का प्राविधान किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कुल 216 स्वीकृत प्रस्तावों (निजी पूंजी निवेश 246.23 लाख) में से 119 इकाइयां क्रियाशील हैं, जिसमें फल, सब्जी प्रसंस्करण के 53, अनाज आधारित 41, मसाला उद्योग के 8, दुग्ध प्रसंस्करण के 4 एवं उपभोक्ता उत्पाद की 13 इकाइयां हैं।