दूरगामी लाभ वाली एक अनूठी पहल में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गोवा में नौ महिलाओं के लिए स्थायी स्वरोजगार का इंतजाम किया है। ये वे महिलाएं हैं जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने प्रियजनों को खोया और वे बेहद गंभीर संकट में थीं। घर में कमाने वाले सदस्य को महामारी में खोने के दु:ख, निराशा और आजीविका के संकट के बीच, इन महिलाओं को केवीआईसी ने अपनी प्रमुख योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत अपनी खुद की विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह देश में पहली बार है कि कोई सरकारी एजेंसी महामारी से प्रभावित कमजोर लोगों के लिए आजीविका निर्माण में सहायता कर रही है।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने सोमवार को इन नौ महिलाओं को 1.48 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए, जो जल्द ही कपड़ा सिलाई, ऑटोमोटिव मरम्मत, बेकरी और केक की दुकानें, ब्यूटी पार्लर, हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं और काजू प्रसंस्करण इकाइयों जैसी अपनी खुद की मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स शुरू करेंगी। इन लाभार्थियों में से प्रत्येक को पीएमईजीपी योजना के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 25 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया गया है। साथ ही, इन नई इकाइयों में से प्रत्येक कम से कम 8 व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा करेगी।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि ये स्वरोजगार पहल न केवल इन परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए रखेंगी बल्कि दूसरों के लिए रोजगार भी पैदा करेंगी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान केवीआईसी ने संकट में फंसे परिवारों को मदद पहुंचाने के लिए स्थानीय विनिर्माण और स्वरोजगार पर जोर दिया है। बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के व्यथित लोगों को पीएमईजीपी के तहत स्वरोजगार गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया है। नतीजतन, ये नए उद्यमी न केवल खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बनाए रखेंगे बल्कि वे कई अन्य परिवारों को भी अपनी नई विनिर्माण इकाइयों में रोजगार देकर उनकी मदद करेंगे।