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‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा फूड प्रोसेसिंग सप्ताह का आयोजन

देश-विदेश

देश की आज़ादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की एक कड़ी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 6 सितंबर 2021 से 12 सितंबर 2021 तक फूड प्रोसेसिंग सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके तहत मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

इसी कड़ी में बुधवार को मंत्रालय द्वारा इसी क्रम में पीएमएफएमई योजना के लाभार्थी श्री मिलिंद लक्ष्मण पाटिल के संघर्षों और सफलताओं की कहानी को ‘आत्मनिर्भर उद्यम’ की कहानी श्रृंखला में मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया।

पीएमएफएमई योजना के तहत मंत्रालय व उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय (उत्तराखंड) द्वारा एक जिला एक उत्पाद ‘ख़ुबानी प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन- व्यवसाय के अवसर’ पर उत्तराखंड के अल्मोड़ामें वेबिनार का आयोजन किया गया।

इसी कड़ी में राजस्थान में पीएमएफएमई योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के 173 सदस्यों के लिए एसआरएलएम के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) को सीड कैपिटल के रूप में 61.33 लाख रुपये हस्तांतरित किए गए।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंत्रालय की बहुआयामी प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अंतर्गत आने वाली कोल्ड चेन स्कीम के तहत हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले में स्थापित साई ऑल सीजन फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स, खाद्य प्रसंस्करण इकाई परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि “मांग और आपूर्ति के अंतर को भरने पर उपभोक्ता, आमजन, किसान व उद्यमी सभी हर रूप से लाभान्वित होंगे।”

मेसर्स साई ऑल सीजन फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स की कुल परियोजना लागत 16.94 करोड़ रुपये है और मंत्रालय द्वारा 9.36 करोड़ रुपये अनुदान स्वरूप दिये गये हैं। इसमें सीए स्टोर- 1000 मीट्रिक टन, फ़्रोज़न स्टोर – 250 मीट्रिक टन, प्रोसेसिंग लाइन – 1 मीट्रिक टन/ घंटा, आईक्यूएफ – 1 मीट्रिक टन/ घंटा, वैक्यूम फ्रीज-ड्राइंग यूनिट – 1 मीट्रिक टन/बैच, फ्रीज-ड्राइड प्रोडक्ट के लिए पैकिंग लाइन – 20 से 50 पैकेट/ मिनट की सुविधा के साथ-साथ प्री-कूलर- 6 मीट्रिक टन,कोल्डरूम – 30 मीट्रिक टन, छँटाई ग्रेडिंग शेड- 200 वर्ग मीटर की सुविधाएं भी मौजुद हैं। यह परियोजना करीबन 200 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगी और साथ ही 300 से अधिक किसान को लाभांवित करेगी।

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