नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा ने 20 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ सहमति पत्रों का हस्तांतरण किया। इन राज्यों ने आज यहां आयोजित स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में आयुष्मान भारत – राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) को लागू करने के लिए सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे तथा केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल, स्वास्थ्य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन तथा एबी-एनएचपीएम के सीईओ श्री इंदु भूषण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री जे पी नड्डा ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञ है क्योंकि उन्होंने हम लोगों को सेवा करने का महत्वपूर्ण अवसर दिया है। इस कार्यक्रम से देश में स्वास्थ्य देखभाल की तस्वीर बदल जायेगी। इस काम के लिए लोग हमें याद रखेंगे।
श्री जे पी नड्डा ने कहा कि इस योजना की सफलता राज्यों के सक्रिय सहभागिता पर निर्भर करती है। केंद्र नीति निर्माण करेगा और राज्यों को इस योजना को अपनाना होगा। सहमति पत्रों का हस्तांतरण केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्री जे पी नड्डा ने आगे कहा कि एबी-एनएचपीएम देश के 50 करोड़ लोगों (10 करोड़ परिवार) को सुरक्षा प्रदान करेगा। लाभार्थी बिना नकद के और बिना किसी कागजात के इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके अंतर्गत सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध रहेगी। लाभार्थी भारत में कहीं भी इस सुविधा लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एबी-एनएचपीएम लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगा, जबकि स्वास्थ्य व वेलनेस केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से स्वास्थ्य पर होने वाले अत्यधिक खर्च को कम किया जा सकेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि एनएचपीएम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का विस्तृत मॉडल है। द्वितीय और तृतीय स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
एबी-एनएचपीएम के सीईओ श्री इंदु भूषण ने योजना के कार्यान्वयन पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने राज्यों से बीमा कंपनियों या कार्यान्वयन सहायता एजेंसी की जानकारी देने का आग्रह किया। अभी तक 20 राज्यों ने हस्ताक्षर किए हैं और इस महीने के अंत तक हस्ताक्षर करने वाले राज्यों की संख्या 25 होने की संभावना है।
अस्पतालों के पैनल बनाने के लिए एक वेबपोर्टल को भी इस अवसर पर लांच किया गया। इसका सॉफ्टवेयर अगले 2 सप्ताह में तैयार हो जाएगा। राज्य 01 जुलाई से अस्पतालों के पैनल बनाने का कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।