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हाथी की मौत की जांच में जुटा वन विभाग, हाथ लगे कई अहम सुराग

उत्तराखंड

हरिद्वार: खानपुर रेंज मे मृत मिले हाथी की जांच में वन प्रभाग के हाथ कई सुराग लगे हैं। इसी आधार पर वन प्रभाग के अधिकारी सहारनपुर जैसे अन्य डिवीजनों और राजाजी टाइगर रिजर्व से भी सहयोग ले रहा है। वहीं विभाग जल्द एसटीएफ से भी सहायता ले सकता है।

 बुग्गावाला क्षेत्र में सामाजिक वानिकी के जंगल की खानपुर रेंज में डालूवाला के हजारा वन चौकी के समीप बृहस्पतिवार को एक हाथी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम में दौरान हाथी के शरीर से एक गोली भी मिली थी। विभाग ने अपने स्तर से जांच की तो शनिवार को कई सुराग हाथ लगे हैं। विभाग ने अपने मुखबिर तंत्र को भी सतर्क कर दिया है। इनके माध्यम से भी विभाग सूचना जुटाने में लगा है। डीएफओ आकाश वर्मा ने बताया कि सुरागों के आधार पर जांच की जा रही है। रेंजर मुकेश कुमार ने बताया कि घटनास्थल के आसपास के क्षेत्रों की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है।

घटनास्थल पर पहुंचकर जांच टीम ने जुटाए साक्ष्य
खानपुर रेंज की हजारा वन चौकी के समीप हाथी के शव से मिली गोली को लेकर वन विभाग ने तीसरे दिन भी पूरी टीम के साथ घटनास्थल के आसपास पूरी जांच पड़ताल की। रेंजर मुकेश कुमार ने बताया कि घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है, आरोपियों की पहचान को लेकर दबिश दी जा रही है।

मुख्यालय की ओर से दिवाली के दिन अलर्ट जारी करने और वनकर्मियों की छुट्टी पर रोक लगाने के बावजूद विभाग की ओर से कर्मचारियों को अवकाश दे दिया गया था। खानपुर रेंज के हजारा बीट में दिवाली की रात हाथी को गोली मारकर मौत के घाट उतारने की घटना के बाद उठ रहे सवालों के बीच अमर उजाला की पड़ताल में वन विभाग की यह गंभीर लापरवाही सामने आई है। दिवाली के दिन बेरीवाड़ा रेंज में कर्मचारियों की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी गोलमोल जवाब देते रहे। हालांकि, दबी जुबान में उन्होंने केवल एक फारेस्ट गार्ड के अवकाश पर रहने की बात स्वीकारी है।

दिवाली के दिन खानपुर रेंज के हजारा बीट में वन तस्करों ने नर हाथी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। अगले दिन वनकर्मियों को गश्त के दौरान हाथी का शव मिला था। जांच में हाथी के पैर ऊपरी हिस्से में गोली फंसी मिली। इस घटना के बाद वनकर्मियों की गश्त पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हाई अलर्ट के बावजूद दिवाली की रात हाथी का शिकार कैसे कर लिया गया। शनिवार को अमर उजाला की ओर से जब खानपुर रेंजर और राजाजी टाइगर रिजर्व के बेरीवाड़ा रेंजर से दिवाली के दिन उनकी रेंज में तैनात वनकर्मियों की उपस्थिति की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया।

खानपुर रेंजर मुकेश कुमार ने बताया कि हजारा बीट में डिप्टी रेंजर अनिल वर्मा और रवि चौहान की तैनाती है। उन्होंने स्वीकार किया कि दिवाली के दिन वन आरक्षी पूरण सिंह छुट्टी पर थे। साथ ही उन्होंने बताया कि रेंज में 13 फारेस्ट गार्ड, तीन वन दारोगा, एक डिप्टी रेंजर और एक रेंजर की तैनाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि घटना के दिन अगर 17 वनकर्मी ड्यूटी पर थे तो वन तस्करों ने हाथी को गोली कैसे मार दी। उधर, राजाजी टाइगर रिजर्व के बेरीवाड़ा रेंज के रेंजर विजय सैनी ने दिवाली के दिन वनकर्मियों की उपस्थिति बताने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि पार्क निदेशक ही उपस्थिति का ब्योरा दे सकते हैं। जिस स्थान पर हाथी का शव मिला, वह बेरीवाड़ा रेंज की सेंधली बीट से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि हाथी को गोली बेरीवाड़ा रेंज में मारी गई होगी। Amar ujjala

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