लखनऊ: विभिन्न परीक्षा केन्द्रो पर होने वाली सी0पी0एम0टी0 उत्तर प्रदेश-2015 की मुख्य परीक्षा के परिप्रेक्ष्य में एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को सूचना प्राप्त हो रही थी कि इस परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक कर अभ्यर्थियों से भारी धनराशि वसूलने वाला एक गिरोह लखनऊ में सक्रिय हेै।
इस सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा श्री त्रिवेणी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक को अभिसूचना संकलन हेतु निर्देशित किया गया, जिसके अनुपालन में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए अभिसूचना के सभी स्रोतो को सक्रिय किया गया। इसी क्रम में मुखविर के माध्यम से दिनांकः25-05-2015 को सूचना प्राप्त हुई कि उक्त परीक्षा से सम्बन्धित प्रश्न-पत्र लीक कराकर जियामऊ में पराग ए0टी0एम0 बूथ के पास स्थित एक मकान के कमरे में इकट्ठा हैं, जो इस परीक्षा से सम्बन्धित प्रश्न-पत्र को हलकर प्रश्नोत्तर को विभिन्न परीक्षा केन्द्रो पर होने वाली इस परीक्षा से सम्बन्धित अभ्यर्थियों को वायरलैस डिवाईस व पर्ची के माध्यम पहुॅचायेंगे। इस सूचना को विकसित करते हुए एस0टी0एफ0 की निरीक्षक श्री संजय कुमार सिंह के नेत
ृृत्व में एक टीम निर्धारित स्थान पर पहुॅच गयी, जहाॅ पर उपरेाक्त लोगों को संदिग्ध अवस्था में परीक्षा सम्बन्धी सामग्री के साथ मौजूद होना पाया गया, जिस पर घेराबन्दी करके व आवश्यक बल प्रयोग करके इन लोगों को समय लगभग 10-45 बजे गिरफतार कर लिया गया, जिनसे उपरेाक्त बरामदगी हुई।
इन सभी अभियुक्तों से पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि इस सम्पूर्ण घटनाक्रम का मास्टरमाईण्ड डा0 राजेश रन्जन व डा0 प्रफुल्ल चन्द्र वैश्य हैं, जिनके द्वारा पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि ये लोग उत्तर प्रदेश व अन्य प्रदेशों के मैडिकल काॅलेजों में अभ्यर्थियों से भारी धनराशि वसूल कर परीक्षा उत्तीर्ण कराने का कार्य विगत लगभग 10 वर्षाे से कर रहे हैं। इनके तार परीक्षा माफिया बेदी राम से भी जुड़े हैं। ये लोग परीक्षा प्रबन्धन से साॅठगांठ करके प्रश्न-पत्र परीक्षा से पूर्व ही प्राप्त कर लेते हेैं तथा पेपर सोल्वर से पेपर सोल्व कराकर ब्लूटूथ डिवाईस, जो सम्बन्धित अभ्यर्थियों के बनियानो में छिपी रहती है, के माध्यम से कान में लगी छोटी वायरलैस डिवाईस के जरिये सोल्व करा देते हैं। इसके अतिरिक्त परीक्षा केन्द्र के व्यवस्थापकों से भी सांठगांठ करके प्रश्न-पत्र सोल्व करके सम्बन्धित अभ्यर्थियों तक पहुॅचा देते हैं। पूछताछ पर यह भी बताया गया कि इनके सम्बन्ध परीक्षा प्रबन्धन से हैं, जिनसे सांठगांठ करके कम्पयूटर साॅफटवेयर में हेराफेरी कराकर अभ्यर्थियों से भारी धनराशि लेकर उन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण कराकर प्रवेश दिला
देते हैं। गिरफतार अभियुक्तों द्वारा यह भी स्वीकार किया गया है कि उनके द्वारा दिनंाकः03-05-2015 को भी आॅल इंडिया प्री मैडिकल परीक्षा में इसी प्रकार धोखाधड़ी करके 40 अभ्यर्थियों की परीक्षा में इसी तकनीक से मदद करके परीक्षा उत्तीर्ण कराने का प्रयास किया गया है। इस ग्रुप के सभी लोग नये सिम खरीदकर उस पर इन्टरनेट व व्हाटस एप एक्टिवेट कराकर एक-दूसरे से कनेक्ट रहकर प्रश्नोत्तरो एवं अन्य जानकारियां आपस में शेयर करते हैं। इस तरह इस ग्रुप द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष में अपना नेटवर्क फैलाया हुआ है। इस गैंग के सदस्य बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में अधिक सक्रिय हैं। पूछताछ पर यह ज्ञात हुआ कि इस गैंग का मास्टर माइण्ड प्रफुल्ल चन्द्र वैश्य इससे पूर्व ए0आई0ई0ई0ई0-2001 परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक करने के आरोप में थाना-कैसरबाग, लखनऊ से गिरफतार होकर जेल जा चुका है। इस गैंग द्वारा पूछताछ यह भी बताया गया कि 02 वेबसाईट इस प्रकार की हैं, जिनके माध्यम उक्त बरामद डिवाईस आॅन लाईन खरीदी गयी हैं। इन वेबसाईट व उनसे जुड़े लोगों के बारे में भी गहराई से छानबीन की जा रही ह
ै।
गिरफतारशुदा अभियुक्तगण में क्रम सं0-5, 6, 7 व 9 पर अंकित व्यक्ति पेपर साॅल्व करने का कार्य करते हैं, जिन्हें इस परीक्षा का प्रश्न-पत्र साॅल्व करने की एवज में 50-50 हजार रूपये मिलने थे। इस गैंग के मास्टर माइण्ड राजेश रंजन व प्रफुल्ल चन्द्र वैश्य अभ्यर्थियों से प्रवेश दिलाने के पाॅच लाख से लेकर 15 लाख रूपये तक किश्तों में प्राप्त करते हैं, जिसमें से परीक्षा प्रबन्धन को भी हिस्सा दिया जाता है।
आज के घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में डा0 प्रफुल्ल चन्द द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा लखनऊ में आॅस्कर कन्सल्टैन्सी के नाम से संस्था चलायी जाती है, जिसके जरिये वे लखनऊ व देशभर में प्राईवेट इंजिनियरिंग व मेैडिकल काॅलेजों में बैक डोर से पैसा देकर एडमिशन कराने का धन्धा किया जाता है। इस धन्धे में उसका सहयोग डा0 राजेश रन्जन, जो वर्ष-2012 में नेशनल हाॅम्योपेथी मेडिकल काॅलेज का पासआउट है, मदद करता था। इन दोनो ने मिलकर लखनऊ, उत्तर प्रदेश व देशभर के काॅलोजों में दलाली की रकम प्राप्त कर दर्जनो एडमिशन कराये जा चुके हैं। डा0 राजेश रन्जन के सम्पर्क दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र के तमाम कन्सल्टैन्ट्स व दलालो से हो गये। वह देशभर में हो रही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र को छोटी मोबाइल ब्लूटूथ डिवाईस के माध्यम से अभ्यर्थियों तक पहुॅचाने की प्लानिंग करते थे। इसमें दिल्ली स्थित हिडिन आई व स्पाई इंडिया कम्पनी से डिवाईस खरीदकर कम्पनी द्वारा सम्बन्धित दलाल से ट्रेन के अटैण्डेन्ट के माध्यम से उपलब्ध कराते थे। डा0 राजेश द्वारा अभी कुछ दिन पूर्व हुई ।प्च्डज् म्ग्।ड परीक्ष
ा में भी उत्तर प्रदेश में लगभग 40 अभ्यर्थियों को तैयार कर लिया था किन्तु अन्तिम समय पर रोतक(हरियाणा) में पुलिस कार्यवाही के बाद इनकी यह योजना विफल हो गयी थी। इस सम्बन्ध में रोहतक(हरियाणा) पुलिस को भी सूचना दे दी गयी है।
आज के घटनाक्रम में मास्टरमाइन्ड डा0 प्रफुल्ल चन्द द्वारा यह भी बताया गया कि इनके मित्र सुरेन्द्र कुमार शुक्ला मदेहगंज, दुर्गा मन्दिर के पास, त्रिवेणी नगर-प्रथम, थाना-हसनगंज लखनऊ मे ंरहते हैं। श्री शुक्ला राजेश ग्रंुप आॅफ इन्स्टीट्यूट, सीतापुर से सम्बद्ध हैं। इनके एक परिवारीजन द्वारा श्री नारायण इन्सटीट्यूट आफ टैक्नो ग्रुप, फैजाबाद रोड, लखनऊ में सी0पी0एम0टी0 परीक्षा दी जानी थी। श्री शुक्ला द्वारा कुछ दिन पूर्व डा0 प्रफुल्ल चन्द से कहा था कि वे यदि किसी साॅल्वर के जरिये पी0एम0टी0 का पेपर प्राप्त हो जाये तो उसकी आन्सर-की बनाकर श्उन्हें उपलब्ध करा दें। शिक्षण संस्थान से जुड़े होने के नाते उस आन्सर-की को श्री नारायण काॅलेज में अभ्यर्थियों को देने में कामयाब होंगे।
डा0 प्रफुल्ल ने यह भी बताया कि पेपर प्रारम्भ होने के बाद पेपर ब् सिरीज की जानकारी श्री शुक्ला द्वारा अपने स्तर से की गयी व अपनी संस्था से ब् सिरीज पेपर की फोटोकाॅपी कराकर उन्हें 10-00 बजे के बाद उपलब्ध करायी गयी थी। श्री शुक्ला अपने स्तर से यह पता किया था कि अभ्यर्थियों को ब् सिरीज का प्रश्न-पत्र मिला है। उक्त परीक्षा से सम्बन्धित बरामद प्रश्न-पत्र की प्रति को परीक्षा नियन्त्रक के पास भेजकर सत्यापित कराया गया तो उन्होेने बरामद प्रश्न-पत्र को ब् सिरीज का होना बताया।
आज प्रातः एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश द्वारा जियामऊ स्थित एक मकान से आन्सर-की तैयार करते हुए उपरेाक्त 12 अभियुक्तों को गिरफतार करने में सफलता प्राप्त हुई। एस0टी0एफ0 की सक्रियता से इस गैंग द्वारा आन्सर-की तैयार करते समय ही उसके 12 सदस्यों को गिरफतार कर लिया गया, जिससे आन्सर की अभ्यर्थियों तक नही पहुॅच सकी।
अभियुक्तगण को थाना-गौतमपल्ली, लखनऊ में दाखिलकर उनसे विस्तृृत पूछताछ की जा रही है तथा उनके विरूद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया जा रहा है। श्री शुक्ला की तलाश जारी है।
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