उत्तराखंड में जारी सियासी विवाद पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद पूरी तरह से विराम लग गया है। मुख्यमंत्री रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंपा दिया है। तीरथ के इस्तीफे पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि अगर तीरथ सिंह रावत इस्तीफा नहीं देते तो संवैधानिक संकट पैदा हो जाता।
पूर्व सीएम रावत ने कहा, अगर तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो इससे संवैधानिक संकट पैदा हो जाता। कुछ राज्यों में, कोविड के कारण उपचुनाव में देरी हुई। परिस्थितियों ने इस स्थिति को जन्म दिया है। आज की विधानसभा बैठक में नेता चुने जाएंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देर रात करीब 11:30 बजे अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा दिया। इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि उनके इस्तीफा देने का मुख्य कारण संवैधानिक संकट था, जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव कराना मुश्किल था।
दिल्ली से लेकर देहरादून तक दिन भर चली मुलाकातों और बैठकों के दौर के बाद उत्तराखंड की सियासत में ये बड़ा बदलाव हुआ है। 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने और चार महीने में ही इस्तीफा देने वाले तीरथ सिंह रावत अपने सियासी पथ पर पड़े अवरोधों को हटाने में असफल साबित हुए। Punjabkesari.com