देहरादून: अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा अमृता विश्व विद्यापीठम के चार वैज्ञानिकों को अपने संबंधित क्षेत्रों में दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की रैंकिंग में शामिल किया गया है। डाॅ. मनीषा रमेश, डाॅ. शांति नायर, डाॅ. आर जयकुमार और डाॅ. माधव दत्ता ने अपने शोध की गुणवत्ता को मिली मान्यता की बदौलत इस रैंकिंग में जगह हासिल की।
अमृता स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग (अमृतापुरी कैम्पस) के अमृता सेंटर फाॅर वायरलेस नेटवक्र्स एंड एप्लिकेशन्स की डाॅ. मनीषा रमेश को नेटवर्किंग, टेलीकम्युनिकेशन्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इमेेज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक के रूप में मान्यता मिली है।
डाॅ. शांति नायर और डाॅ. आर जयकुमार, दोनों अमृता इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज (कोच्चि कैंपस) के सेंटर फाॅर नैनोसाइंसेस एंड माॅलिक्यूलर मेडिसिन से हैं, जिन्हें पाॅलिमर, नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलाॅजी के क्षेत्रों में उनकेे काम के लिए स्टैनफोर्ड सूची में शामिल किया गया है।
अमृता स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग (कोयम्बटूर कैंपस) से डाॅ. माधव दत्ता को ऊर्जा के क्षेत्र में उनकेे अग्रणी शोध के लिए रैंकिंग में शामिल किया गया है।
अमृता विश्व विद्यापीठम के कुलपति डाॅ. पी. वेंकट रंगन ने वैज्ञानिकों को विश्वविद्यालय में इस पुरस्कार को लाने के लिए बधाई दी, जो कि इंस्टीट्यूशन आॅफ एमिनेंस भी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के उच्च क्षमता को विश्व मंच पर मान्यता मिली है। मैं उन चार वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं जिनके शोध की उत्कृष्टता के प्रति उनके अथक काम और अटूट प्रतिबद्धता ने उन्हें वैश्विक रैंकिंग में शामिल किया है। यह हमारीे कुलपति श्री माता अमृतानंदमयी के दृष्टिकोण को पूरी तरह से व्यक्त करता है।’’
डाॅ. पी. वेंकट रंगन ने कहा, ‘‘अमृता विश्व विद्यापीठम एक शोध-प्रेरित संस्थान है, जिसमें शोध के 25 से अधिक समर्पित केंद्र हैं। इसके संकाय सदस्यों ने 12000 से अधिक शोध लेखों को पीयर-रिव्यूड जर्नलों और सम्मेलनों में प्रकाशित किया है, जिसमें 65000 प्रशस्तियों को शामिल किया गया है, 120 से अधिक पेटेंट दर्ज किए गए हैं, और पिछले 15 वर्षों में लिखी 300 से अधिक विद्वत पुस्तकों को शामिल किया गया है। संस्था ने विश्व बैंक, यूनेस्को, यूएनडीपी, गेट्स फाउंडेशन, आदि सहित विभिन्न सरकारी और निजी फंडिंग एजेंसियों से 100 मिलियन डाॅलर से अधिक का अनुसंधान अनुदान प्राप्त किया है।
वैज्ञानिकों का वैश्विक अध्ययन स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा एल्सेवियर के स्कोपस डेटाबेस का उपयोग करके किया गया था। साइटेशन, एच-इंडेक्स, सह-लेखक और एक समग्र संकेतक सहित कई मापदंडों के आधार पर, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में दुनिया के 100000 से अधिक शीर्ष-वैज्ञानिकों का एक डेटाबेस तैयार किया। इसके निष्कर्ष पीएलओएस बायोलाॅजी जर्नल में प्रकाशित किए गए थे।
अमृता विश्व विद्यापीठम 20000 से अधिक छात्रों और 1800 मजबूत संकायों के साथ, भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ते संस्थानों में से एक है। इसने पिछले 15 वर्षों में विश्व रैंकिंग वाले शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों के साथ 180 से अधिक सहयोग किए हैं।
अमृता विश्व विद्यापीठम भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग 2020 में देश में चैथे सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में उभरा है। इसे भारत के मेडिकल काॅलेजों में सातवां स्थान दिया गया है।