लखनऊ: प्रदेश के लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विकास हेतु निजी लघु सिंचाई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं जिसके तहत कृषकों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराकर व तकनीकी मार्गदर्शन देकर निजी लघु सिंचाई साधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन्ही योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में मुख्यतः निःशुल्क बोरिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
लघु सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में संचालित निःशुल्क बोरिंग योजना में सामान्य श्रेणी के लघु, सीमान्त तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों हेतु बोरिंग की अधिकतम अनुदान सीमा क्रमशः रू0 5000/, रू0 7000/-एवं रू0 10,000/- अनुमन्य की जा रही है। इसके अतिरिक्त पम्पसेट की स्थापना पर सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को पम्पसेट की वर्तमान ईकाई लागत 18000 रूपये के आधार पर ईकाई लागत का क्रमशः 25 प्रतिशत अधिकतम 4500 रूपये, 33.33 प्रतिशत, अधिकतम 6000 रूपये एवं 50 प्रतिशत अधिकतम 9000 रूपये अनुदान देय है।
इन अनुदान के अतिरिक्त 25 प्रतिशत लाभार्थियों को जल वितरण हेतु 90 एम0एम0/ 110 एम0एम0 व्यास का 30 से 60 मी0 एच0डी0पी0ई0 पाइप सिस्टम लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 3000 के अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह अनुदान सीमा सभी श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए है।