भारत और बांग्लादेश के बीच रेलवे संपर्क को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत हल्दीबाड़ी (भारत)-चिलाहाटी (बांग्लादेश) रेल लिंक को 17 दिसंबर, 2020 को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा यात्रियों एवं माल की आवाजाही के लिए फिर से खोल दिया गया था। भारतीय रेलवे और बांग्लादेश रेलवे के संयुक्त प्रयासों से भारत एवं बांग्लादेश के बीच बहाल हुए हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग के जरिये पहली अगस्त, 2021 से मालगाड़ियों का नियमित संचालन उस वक्त शुरू हो गया जब भारतीय रेलवे ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (भारत) के दामदिम स्टेशन से पत्थरों से लदी पहली मालगाड़ी को बांग्लादेश के लिए रवाना किया।
हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन से अंतर्राष्ट्रीय सीमा की दूरी 4.5 किलोमीटर है। वहीं चिलाहाटी से ‘जीरो प्वाइंट’ की दूरी करीब 7.5 किलोमीटर है। अभी तक भारत और बांग्लादेश को जोड़ने वाले पांच लिंक पर संचालन शुरू किया गया है। इनमें पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश), गेडे (भारत) – दर्शन (बांग्लादेश), सिंहबाद (भारत) – रोहनपुर (बांग्लादेश), राधिकापुर (भारत) -बिरोल (बांग्लादेश) शामिल हैं। वहीं हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी ऐसा पांचवां रेल लिंक है।
भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक 1965 तक खुला हुआ था। विभाजन के दौरान यह कोलकाता से सिलीगुड़ी ब्राड गेज मुख्य मार्ग का हिस्सा हुआ करता था। विभाजन के बाद भी असम और उत्तरी बंगाल की ओर जाने वाली ट्रेनें तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के क्षेत्र से होकर गुजरती थीं। हालांकि 1965 के युद्ध ने भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच सभी रेल संपर्कों को प्रभावी तरीके से बंद कर दिया।
इस रेल लिंक के माध्यम से प्रत्येक महीने करीब 20 मालगाड़ियों के आने-जाने की संभावना है। इस रेल लिंक का उद्देश्य बंगाल एवं असम और पश्चिम बंगाल क्षेत्र के बीच माल ढुलाई और यात्री संपर्क में सुधार लाना है। यह इस क्षेत्र में व्यापार और आर्थिक प्रगति को बढ़ाने में मददगार होगा।
भारतीय प्रधानमंत्री की 27 मार्च 2021 को बांग्लादेश के ढाका की यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से न्यू जलपाईगुड़ी-ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी मिताली एक्सप्रेस नाम से यात्री गाड़ी शुरू करने की घोषणा की थी। यह सेवा कोविड की महामारी के चलते शुरू नहीं हो पाई थी।