देहरादून: एफ.आर.आई. में सोमवार को राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला ”Fauna of Shivalik Ecosystem (Uttarakhand) and the Application of GIS in Conservation of Fauna” का शुभारंभ प्रमुख वन संरक्षक डाॅ. श्रीकांत चन्दोला तथा महानिदेशक यूकाॅस्ट डाॅ. राजेन्द्र डोभाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आई.आई.आर.एस. के डीन डाॅ. एस.पी.एस.कुशवाहा, कार्यशाला के संयोजक एवं निदेशक जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया डाॅ. के.वेंकटरमन तथा कार्यक्रम की संयोजक सचिव डाॅ. अंजुम एन.रिजवी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रमुख वन संरक्षक डाॅ. श्रीकांत चन्दोला ने जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया को सौ वर्ष पूरे करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया को इस बात पर जोर देना होगा कि बढती जनसंख्या के कारण शिवालिक के इकोसिस्टम में फाॅना को हो रहे नुकसान से कैसे बचाया जा सके।
महानिदेशक यूकाॅस्ट डाॅ. राजेन्द्र डोभाल ने जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया को सौ वर्ष पूर्ण करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह संस्थान ने अपने बेहतरीन सेवाएं देश को दी है और जीवजंतु विज्ञान के क्षेत्र में संस्थान का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मुझे ख्ुाशी है कि संस्थान के सहयोग उत्तराखण्ड के छात्रों को शोध के लिए यूकाॅस्ट द्वारा छात्रवृत्ति दी जा रही है।
आई.आई.आर.एस. के डीन डाॅ. एस.पी.एस. कुशवाहा ने कहा कि सौ वर्ष करने पर संस्थान को बधाई है। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के लिए संस्थान द्वारा आई.आई.आर.एस. को सहयोगी के रूप में चुना गया है, यह गौरव की बात है।
कार्यशाला को जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया के निदेशक डाॅ. के.वेंकटरमन द्वारा भी सम्बोधित किया गया। आॅफिस इंचार्ज जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया देहरादून डाॅ. अंजुम एन.रिजवी ने बताया कि जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया 100वां स्थापना दिवस मना रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला 20 से 24 जुलाई, 2015 तक चलेगी। जिसमें छः राज्यों के प्रतिभागी शामिल हो रहे है।
इस अवसर पर डाॅ0 अंजुम एन0 रिजवी एवं उनके वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पुस्तकों 1. Souvenir & Abstract Book, 2. Fauna of Jhilmil Jheel Conservation Reserve, 3. Helminth Parasites of District Dehradun, 4. Trichotaxonomy of Lagomorpha, 5. Checklist of nematodes का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में जूलोजिकल सर्वे आॅफ इंडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डाॅ. अर्चना बहुगुणा, डाॅ. एस.आई.काजमी, डाॅ. नरेन्द्र शमा्र, डाॅ. विनीता शर्मा, प्रमोद कुमार, एफ.आर.आई., बी.एस.आई., ए.एस.आई., यूकाॅस्ट आदि संस्थानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।