30 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आज रात से लेकर 19 सितंबर तक बरतें सावधानी, वरना धन और कारोबार में होगी परेशानी

नई दिल्ली

रामायणकाल में भगवान राम ने जब रावण का वध किया था, उस समय घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं रेवती) उपस्थित थे उन्हें पंचक कहा जाता है। पुराणों के अनुसार जब रावण की मृत्यु हुई उसके बाद से ही पांच दिन का पंचक माना जाता है। बहुत सारे विद्वान इन नक्षत्रों को शुभ नहीं मानते इसलिए इन 5 दिनों में शुभ काम नहीं किए जाते।

आज यानि 14 सितंबर को रात करीब 8.30 बजे से पंचक का आरंभ हो रहा है। जिसका प्रभाव 19 सितंबर, सोमवार को प्रात: 04.20 तक रहेगा। बुधवार से आरंभ होने के कारण ये पंचक अपना विशेष प्रभाव दिखाएगा। अत: संभल कर रहें, इस अवधि के दौरान किसी को धन उधार न दें, रूपए-पैसे से संबंधित विशेष कार्य न करें और न ही कारोबार में किसी भी तरह का कोई जोखिम उठाएं। शेयर, कमोडिटी और वायदा बाजार में किसी भी तरह का कोई बड़ा सौदा न करें।

5 काम जो पंचक में नहीं करने चाहिए-

  1. पंचक में चारपाई बनवाने से घर-परिवार पर बड़ा दुख आता है।
  2. पंचक के समय घनिष्ठा नक्षत्र चल रहा हो तो उस समय में घास, लकड़ी और जलने वाली कोई भी चीज एकत्रित करके नहीं रखनी चाहिए इससे आग लगने का डर रहता है।
  3. दक्षिण दिशा पर यम का अधिकार है जब पंचक चल रही हो तो दक्षिण दिशा में यात्रा न करें।
  4. पंचक और रेवती नक्षत्र एक साथ चल रहे हो तो घर की छत न बनवाएं अन्यथा घर में धन का अभाव रहता है और पारिवारिक सदस्यों में मनमुटाव कभी समाप्त नहीं होता।
  5. गरुड़ पुराण में कहा गया है जब किसी व्यक्ति की पंचक में मृत्यु होती है तो उसके साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करने से पंचक दोष समाप्त हो जाता है अन्यथा घर में पांच मौत होने का भय रहता है।

पंचक दोष दूर करने के उपाय-

  • लकड़ी का समान खरीदना अनिवार्य होने पर गायत्री यज्ञ करें।
  • दक्षिण दिशा की यात्रा अनिवार्य हो तो हनुमान मंदिर में पांच फल चढ़ाएं।
  • मकान पर छत डलवाना अनिवार्य हो तो मजदूरों को मिठाई खिलाने के पश्चात छत डलवाएं।
  • पलंग या चारपाई बनवानी अनिवार्य हो तो पंचक समाप्ति के बाद ही इस्तेमाल करें।
  • शव का क्रियाकर्म करना अनिवार्य होने पर शव दाह करते समय कुशा के पंच पुतले बनाकर चिता के साथ जलाएं।

साभार पंजाब केसरी

Related posts

11 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More