नई दिल्लीः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सड़क सुरक्षा राष्ट्रीय चिंता का विषय है और इससे जुड़े लोगों के सक्रिय सहयोग से ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और इससे संबंधित मृत्यु को कम किया जा सकता है। नई दिल्ली में आज उद्योगों के साथ सड़क सुरक्षा पर एक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री गडकरी ने बताया कि सड़क दुर्घटना की वजह से विश्व में सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं। उन्होंने उद्योग जगत से जुड़े लोगों और अन्य साझेदारों से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। श्री गडकरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से कॉरपोरेट, ऑटोमोबाइल विनिर्माता, एनजीओ और सरकारों सहित सभी साझेदारों के इस दिशा में किए गए सामूहिक प्रयासों से सड़क दुर्घटना की वजह से होने वाली मौतों की संख्या में मामूली कमी आई है, लेकिन इस संबंध में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
वाहन सुरक्षा और समग्र सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना की समस्या से निपटने के लिए उनके मंत्रालय ने 4ई-एजुकेशन (शिक्षा), इन्फोर्समेंट (लागू करना), इंजीनियरिंग तथा इमरजेंसी केयर (आपात देखभाल) के सिद्धातों को अपनाया है। वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों के मानकों को बढ़ाया गया है, सभी कारों के लिए एयर बैग और गति सीमा सतर्कता उपकरण अनिवार्य बनाया गया है और फिसलन से बचने के लिए सभी दो पहिया वाहनों में एबीएस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा द्वारा पारित किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2017 व्यापक रूप से सड़क सुरक्षा को प्रोत्साहित करता है। यह विधेयक एक सक्षम, बाधा रहित और एकीकृत मल्टीमोड सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के विकास को प्रोत्साहन देगा।
श्री गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गं पर 789 संभावित दुर्घटना स्थलों को चिन्हित किया है और प्राथमिकता के आधार पर इन्हें ठीक कराया जा रहा है। उन्होंने कॉरपोरेट जगत से ऐसे और संभावित दुर्घटना स्थलों की पहचान करने के लिए आगे आने का आह्वान किया ताकि इन्हें दुरस्त किया जा सके। उन्होंने ऐसी तकनीक के साथ कॉरपोरेट जगत को आगे आने को कहा जिससे लोगों को बेहतर और सुरक्षित सड़क दी जा सके। इसके अलावा श्री गडकरी ने कॉरपोरेट घरानों से चालकों के स्वास्थ्य जांच कराने में सहयोग करने का आग्रह किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने कार्यशाला के संबोधन में कहा कि उनके मंत्रालय ने कानून, जागरूकता और क्रियान्वयन के तीन सिद्धांतों पर जोर दिया। उन्होंने दुर्घटनाएं टालने के लिए व्यवहारिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय बदलाव पर जोर दिया है। श्री नड्डा ने अपने मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रथम उत्तरदायी प्रशिक्षण, अंग दान जैसी पहलों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना की वजह से होने वाली मौतों और स्वास्थ्य को पहुंचने वाली हानि को कम करने के लिए उनके मंत्रालय ने ‘नेशनल प्रोग्राम फोर ट्रॉमा केयर’ शुरू किया है ताकि दुर्घटना पीड़ितों के लिए अस्पताल से पहले, अस्पताल में भर्ती और पुनर्वास के दौरान सेवाओं में और सुधार किया जा सके।
यह कार्यशाला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सड़क सुरक्षा सप्ताह के एक हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसमें एसोचैम, फिक्की, सीआईआई, सियाम, उबेर, ओला इत्यादि व्यवसायिक संस्थाओं सहित प्रमुख उद्योगों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। फिक्की स्कूलों में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चला रहा है। फिक्की ने सड़क सुरक्षा पुरस्कारों की भी घोषणा की है जिसके लिए जल्द ही आवेदन मंगाए जायेंगे। दिल्ली व चंडीगढ़ के बीच के वॉकोथॉन आयोजित किया जाएगा। सीआईआई के 8000 सदस्यों ने अपने परिसर में हेलमेट अनुशासन लागू करने का संकल्प लिया है। उन्होंने व्यावसायिक वाहनों के चालकों के लिए स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम करने का प्रस्ताव रखा है। एसोचैम के प्रतिनिधि ने पहाड़ी इलाकों में सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए वह तैयार है। सियाम दुर्घटनाओं की वजहों का बेहतरीन विश्लेषण कर एक डाटाबेस तैयार कर रहा है ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिल सके। इसने चालक प्रशिक्षण की संख्या 3 गुना बढ़ाने का वादा किया है। उरेब इंडिया अगले 6 महीने में 4.5 लाख चालकों को स्वास्थ्य जांच और आंखों की देखभाल कराने का संकल्प लिया है जबकि, ओला ने तीन वर्षों के दौरान 10 लाख चालकों को यही सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया है। मंत्रालय लोगों में जागरूकता फैलाने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाता है। इस साल 23 अप्रैल से 29 अप्रैल तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है और इसको केंद्र में स्कूल और व्यवसायिक चालक हैं।