नई दिल्ली: केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री पी. अशोक गजपति राजू ने आज आयोजित एक कार्यक्रम में गगन प्रणाली (जीपीएस सहायता प्राप्त भू संवर्धित नेविगेशन) का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, मंत्री महोदय ने गगन परियोजना के विकास से जुड़े समस्त समूह को अपनी बधाई दी। अमरीका के डब्ल्यूएएएस और यूरोप के ईजीएनओएस के बाद, भारत एसबीएएस उपलब्धि को प्राप्त करने वाला तीसरा देश है और भूमध्यवर्ती दीर्घगोलाकार में लंबवंत निर्देश संचालन के साथ गगन वैश्विक स्तर पर प्रमाणित प्रथम एसबीएएस (उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली) है। गगन को पहले से ही 30 दिसंबर 2013 के बाद से संचालन के लिए प्रमाणित किया गया है।
गगन भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का एक संयुक्त प्रयास है। विमानन क्षेत्र में, गगन से और अधिक सीधे हवाई मार्ग, ईंधन की खपत में कमी, और सुरक्षा में सुधार होगा। इसके अलावा, गगन उचित तरीके से आपदा क्षेत्र का पता लगाने के साथ खोज और बचाव में सहायता भी प्रदान करेगा साथ ही साथ इसके माध्यम से रक्षा सेवाओं, सुरक्षा एजेंसियों और आपदा रिकवरी प्रबंधन के अलावा कृषि, परिवहन के सभी साधनों और सार्वजनिक सेवाओं में भी लाभ मिल सकेगा।
14 फ़रवरी 2014 से, भारतीय हवाई क्षेत्र के ऊपर प्राप्त होने वाले जीपीएस सिग्नलों की क्षमता से सुधार करते हुए इसरों द्वारा प्रक्षेपित जीसैट -8 और जीसैट -10 उपग्रहों से प्राप्त नेविगेशन संकेतों को लगातार प्रदान कर रहा है।
इस अवसर पर नागर विमानन मंत्रालय के सचिव श्री आर.एन.चौबे, नागर विमानन महानिदेशक श्री आर.के.श्रीवास्तव, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ वाई.वी.एन.कृष्णामूर्ति और इसरो के वैज्ञानिक सचिव भी उपस्थित थे।