अक्षय तृतीय पर्व इस बार गज केसरी राज योग में मनाया जाएगा। इसके साथ ही शश योग, धन योग, रवि योग और सुकर्मा योग का भी संयोग बन रहा है। कासगंज के ज्योतिषों की मानें तो इन योगों में भगवान गणेश, माता लक्ष्मी एवं कुबेर महाराज की पूजा करने से अक्षय फल मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य मुकुंद बल्लभ भट्ट ने बताया कि अक्षय तृतीया पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी के साथ कुबेर महाराज की पूजा करना अत्यंत ही शुभ होता है। विधि अनुसार पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस बार अक्षय तृतीया पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, इसमें गज केसरी राजयोग का नाम भी शामिल है। चंद्रमा व बृहस्पति की युति से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है।
ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन सोने-चांदी की खरीदारी करने से जीवन में खुशियां आती है और व्यक्ति के धन में भी वृद्धि होती है। व्यापार आरंभ करने, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्य, सकाम अनुष्ठान, दान-पुण्य, पूजा-पाठ आदि शुभ रहता है।
इस दिन मंगल और बुध की युति से धन योग, शनि के मूल त्रिकोण राशि कुंभ में होने से शश राजयोग बना रहे हैं। इतना ही नहीं इस दिन रवि योग और सुकर्मा योग का भी शुभ संयोग बन रहा है। वहीं सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होंगे और चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष राशि में बेहद शुभ फलदायी स्थिति में होंगे। इस दिन रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा। सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त है।
इस तरह करें पूजा
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अक्षय तृतीया पर सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें। श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाएं। श्वेत कमल के पुष्प या श्वेत गुलाब, धूप-अगरबत्ती और चंदन इत्यादि से पूजा अर्चना करें। नैवेद्य के रूप में जौ, गेंहू, या सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि अर्पित करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दान-दक्षिणा करके आशीर्वाद प्राप्त करें।