नई दिल्ली: गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का संदेश इस प्रकार है-
अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा है, ‘’गांधी जयंती एक ऐसा दिन है, जब हमें बापू के अहिंसा, शांति और सहिष्णुता के आदर्श के प्रति पुन: समर्पित होना चाहिए’’। गांधी जी दुर्लभ दूरदृष्टि वाले असाधारण क्रांतिकारी थे। उनके निधन पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘’रोशनी चली गई है फिर भी यह हजारों साल तक चमकती रहेगी’’।
गांधी जी ने जो आदर्श दिये वे हमारे सामूहिक जीवन्त विरासत का हिस्सा हैं। यह विरासत उनकी समानता के आदर्श से गहरे गुंथी हुई है। यह विविधता हमारी बहुलता वाली संस्कृति, हमारी कई भाषाओं, धर्मों और और अलग-अलग जीवन पद्धतियों का उत्सव है। यही वह विचार है जिसने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोगों को आंदोलित किया। लोकतंत्र के प्रति हमारी गहरी और अभिन्न आस्था इसी विचार से निकली है।
हम आज भी इन्हीं आदर्शों से प्रेरित हो रहे हैं। हम इन आदर्शों के प्रति सिर्फ इसलिए प्रतिबद्ध नहीं हैं कि ये हमारे अतीत हैं बल्कि इसलिए हैं कि ये हमारे भविष्य हैं। इस अवसर पर मैं देशवासियों से यह अपील करता हूं कि महात्मा गांधी की शिक्षाओं को ग्रहण करें और इन्हें अपने कार्यों में इस्तेमाल करें। उनकी दृष्टि हमें मौजूदा चुनौतियों से लड़ने में राह दिखाये और हमें एक मजबूत और उदीयमान भारत को बनाने में मदद करे।