नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने काफी ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले ऐसे 764 उद्योगों को सूचीबद्ध किया है, जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 501 एमएलडी उत्सर्जन को गंगा नदी और इसकी वितरिकाओं में गिरने वाले नालों में छोड़ते हैं। सीपीसीबी ने गंगा नदी की मुख्य धारा में गिरने वाले 144 नालों की भी पहचान की है, जो लगभग 6614 एमएलडी सीवेज/अपशिष्ट जल छोड़ते हैं।
सीपीसीबी ने 200 उद्योगों को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम-1986 की धारा 5 के तहत और 178 इकाइयों को जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 18(1) (ख) के तहत निर्देश जारी किए हैं।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने 98 चर्म इकाइयों को बंद करने का निर्देश जारी किया है। सीपीसीबी ने दिनांक 30 जून, 2015 से पहले इकाइयों द्वारा तात्कालिक (रियल टाइम) निगरानी की व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश दिया है। सीपीसीबी ने गंगा नदी में उत्सर्जन को छोड़ने से रोकने के लिए क्षेत्रवार शून्य तरल उत्सर्जन (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) के कार्यान्वयन हेतु समयबद्ध निर्देश भी जारी किए हैं।