नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाइब्रिड-एन्यूटी पर आधारित पीपीपी मॉडल के माध्यम से सीवेज उपचार के क्रियान्वयन तथा उचित नीति प्रतिपालन के
माध्यम से साफ़ किये अपशिष्ट जल के लिए बाज़ार विकसित करने के प्रयास को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हाइब्रिड-एन्यूटी आधारित सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर बुधवार, 24 फरवरी 2016 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में मार्केट कांफ्रेंस आयोजित कर रहा है। कांफ्रेंस का उद्देश्य ट्रांजैक्शन सलाहकार के माध्यम से सीवेज उपचार के लिए आगामी हाइब्रिड-एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल तथा एसपीवी के संस्थानीकरण परियोजना का निष्पादन है।
इसमें नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत नगरीय अपशिष्ट जल शोधन के लिए संस्थागत व वित्तीय मॉडल तैयार करने और भारत सरकार की पहल पर चर्चा होगी। सीवरेज सेक्टर के मॉडल व उनकी व्यवसायिक क्षमताओं तथा सम्पतित्यों के रखरखाव व निगरानी के विकल्प भी तलाशे जाएँगे। जल की प्रतिदिन उपलब्धता में अंतर, संस्थागत ढांचा, राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण, एसपीवी, ट्रांजैक्शन सलाहकार कंसेशनियर के लिए रोडमैप, शोधित जल की रीसाइक्लिंग, आदि पर भी चर्चा होगी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के विकास व संचालन के विभिन्न मॉडलों की सफलताओं पर भी विचार-विमर्श होगा।
कांफ्रेंस में हाइब्रिड-एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल के लिए ट्रांजैक्शन सलाहकार, बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी एजंसियां, संभावित कंसेशनियर, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निर्माता, प्रोद्योगिकी प्रदाता और सेवा प्रदाता भाग लेंगे। इस कांफ्रेंस की अध्यक्षता जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री शशि शेखर करेंगे।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण का क्रियान्वयन स्कंध है। इस समय, घाटी आधारित समग्र दृष्टिकोण को अपनाते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले पांच राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण, जलीय संसाधन संरक्षण और संस्थागत विकास परियाजनाओं को लागू करने का काम कर रहा है।