देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विभागीय अधिकारियों से विधानसभा क्षेत्रों के लिये मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के अधीन होने वाले कार्यो का अपने कार्यालय में रजिस्टर तैयार करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि इस रजिस्टर में निर्माण कार्यो का पूरा विवरण अंकित हो, उच्चाधिकारी जब भी क्षेत्र भ्रमण पर जाय उस रजिस्टर का अवलोकन जरूर करे,
ताकि उन्हे भी कार्यो की प्रगति की अधिकतम जानकारी हो सके। सड़को, पुलों आदि के निर्माण सम्बंधी कार्यो के निरीक्षण का भी विवरण इस रजिस्टर में अंकित किया जाय, जब भी अधिकारी समीक्षा बैठकों में आये पूरी तैयारी व जानकारी के साथ आये।
सचिवालय में गंगोलीहाट, कपकोट व बागेश्वर विधानसभा क्षेत्रों के लिये मुख्यमंत्री द्वारा मार्च 2015 तक की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि राजकीय निर्माण निगम द्वारा प्रदेश में जितने भी निर्माण कार्य किये जा रहे है, उसकी भी नियमित रूप से समीक्षा जनपद स्तर पर की जाय। उन्होने कहा कि निर्माण कार्यो की जिम्मेदारी जिलाधिकारी के अलावा विभागीय सचिवों की भी है। निर्माण कार्यो की प्रगति की समीक्षा उनके द्वारा नियमित रूप से की जानी चाहिए। पेयजल योजनाओं के निर्माण में तेजी लायी जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि छोटे प्रोजेक्ट तैयार किये जाय, ताकि समय पर पूरे हो सके। इन पेयजल परियोजनाओं के 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत करने के भी मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये गये। जरूरत मंद विद्यालयों में तात्कालिक रूप से 3-4 कक्षों का निर्माण किया जाय, इसके लिये भी धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होने 100 साल पुराने मेलो को संरक्षित करने तथा उन्हे पारम्परिक ढ़ंग से मनाने के लिये कार्य योजना बनाने को भी कहा। जौलजीवी, गौचर, बागेश्वर जैसे कई ऐसे मेले है जो अपनी व्यापरिक व सांस्कृतिक पहचान बनाये हुए है।
मुख्यमंत्री गंगोलीहाट में डिग्री कालेज भवन निर्माण, पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने, बेरीनाग में एसडीओ ग्रामीण अभियंत्रण का कार्यालय, गंगोलीहाट में थाना, डूनी में ऐलोपेथिक चिकित्सालय, गंगोलीहाट में बस अड्डे का निर्माण, पांखू में उप तहसील, राममंदिर में पशु चिकित्सालय की स्थापना के साथ ही क्षेत्र की विभिन्न सड़को, पुलो, पेयजल योजनाओं व विद्यालयों के उच्चीकरण से सम्बंधित योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।
कपकोट विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ठुकरा से सेलकुना गढ़खेत मोटर मार्ग का निर्माण नामिक तक किया जाय। कपकोट और तेजंग में झूला पुलों का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाय। कपकोट में खाद्यान्न गोदाम निर्माण शीघ्र किया जाय। उन्होने वन्सूला इण्टर कालेज की भूमि में महाविद्यालय गरूड़ व आई0टी0आई की स्थापना, कपकोट में जड़ी-बूटी संस्थान के उपकेन्द्र की स्थापना, धारीबाडोबा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, काण्डा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण शीघ्रता से किये जाने के भी निर्देश दिए। उन्होने हरद्वारछीना से कौसानी पम्पिंग पेयजल योजना सहित अन्य पेयजल योजनाओं के निर्माण में शीघ्रता लाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि बड़ी पेयजल योजनाओं के बजाय छोटी पेयजल योजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य किया जाय। उन्होने कहा कि ‘‘मेरा गांव मेरा धन‘‘ योजना के तहत सरकारी कार्यालय भवन किराये पर लिये जाये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बागेश्वर विधान सभा की समीक्षा करते हुए कहा कि इस जनपद को शत-प्रतिशत शौचालययुक्त जनपद घोषित किया जाय। उन्होंने कहा कि बागेश्वर में 15 हजार व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय निर्माण की घोषणा की गई थी, जिसे शीघ्र पूरा किया जाय। नीलेश्वर मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाय। ग्राम सभा चैरा में गैस गोदाम का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विधान सभा क्षेत्र में निर्माण होने वाली सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय।