नई दिल्ली: गंगटोक, सिक्किम स्थित चिंतन भवन, सामुदायिक हाल में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत पूर्व तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रों में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों एवं उपक्रमों के लिए संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह वर्ष 2016-17 का आयोजन किया गया। सम्मेलन में माननीय राज्यपाल श्री श्रीनिवास पाटिल के कर-कमलों से पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।
समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए माननीय राज्यपाल श्री श्रीनिवास पाटिल ने कहा कि भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है और नौकरी से हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ना आवश्यक है। यू पी एस सी तथा सिक्किम पी एस सी में भी अंग्रेजी की तुलना में हिंदी भाषा को अधिक महत्व मिलना चाहिए।
श्री पाटिल ने आगे कहा कि हिंदी भाषा राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भी अभिव्यक्ति की सबल और प्रभावी संवाहिका है। हिंदी में विश्व की एक सशक्त भाषा के रूप में उभरने के सभी गुण हैं। विश्व के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीय मूल के करोड़ों लोग हिंदी का बखूबी प्रयोग कर रहे हैं। भारतीय मूल के प्रवासियों द्वारा हिंदी को विश्व भाषा बनाने की दिशा में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में अपने उद्बोधन के दौरान माननीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अपनी भाषा के प्रति लगाव और अनुराग हमारे राष्ट्र प्रेम का ही रूप है। श्री रिजिजू ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान स्वराज्य, स्वदेशी और स्वभाषा पर जोर दिया गया और हिंदी भाषा ने सभी को एकजुट रखते हुए आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में बोलते हुए सचिव राजभाषा श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश की मौलिक सोच और सृजनात्मक अभिव्यक्ति सही मायनों में सिर्फ अपनी भाषा में ही की जा सकती है।
राजभाषा विभाग के आठ क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय उन्हें सौंपे गए दायित्व का बखूबी निर्वहन करते हुए, देश के विभिन्न छोटे-बड़े शहरों में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, विभागों, उपक्रमों एवं बैंकों आदि में राजभाषा संबंधी निरीक्षण का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
इस मौके पर मुख्य सचिव सिक्किम, श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव सहित केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/उपक्रमों आदि के अधिकारी उपस्थित रहे।