लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन उद्यान विभाग ने विगत कई दिनों से तापमान में आई गिरावट को देखते हुये आलू किसानों को सलाह दी है कि वे आलू की फसल में प्रत्येक सप्ताह सिंचाई करते रहें। साथ ही खेत के पश्चिमी किनारे पर आग सुलगाकर धुआं करते रहें, जिससे आलू की फसल पर पाले का प्रभाव न पड़े।उद्यान निदेशक श्री आर0पी0 सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि पाला पड़ने पर पौधे की शिराओं में पानी जम जाता है, जिससे शिरायें फट जाती हैं। शिराओं के फटने से ऊपर का भाग सूख जाता है और सड़ने लगता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी क्षेत्रों में शीत लहर का प्रकोप जारी है, जिसके कारण सुबह पाला पड़ने की संभावना बढ़ गयी है।
श्री सिंह ने कहा कि इसके अतिरिक्त पिछेती-झुलसा रोग पर नियंत्रण हेतु किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मैन्कोजेब या प्रोपीनेब या क्लोरोथेलोंनील युक्त फफंूदनाशक दवा 2.0-2.5 किलोग्राम दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर (प्रति हैक्टेयर) तुरन्त छिड़काव करें। साथ ही जिन खेतों में बीमारी प्रकट हो चुकी है, उनमें साईमोक्सेनिल $ मैन्कोजेब का 3.0 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर (1000 लीटर पानी) की दर से अथवा फेनोमिडोन $ मैन्कोजेब का 3.0 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर (1000 लीटर पानी) की दर से अथवा डाईमेथोमार्फ 1.0 किलोग्राम $ मैन्कोजेब का 2.0 किलोग्राम (कुल मिश्रण 3.0 किग्रा0) प्रति हैक्टेयर (1000 लीटर पानी) की दर से छिड़काव किया जाय।