पितृमुक्ति का महापर्व पितृपक्ष आज से शुरू हो रहा है. रविवार से शुरू होने वाले इस मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी मेला का उद्घाटन रविवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में करेंगे. उसके बाद मंत्रों उच्चारण के साथ पितृपक्ष मेला का शुभारंभ हो जाएगा. पितृपक्ष मेला के दौरान देश दुनिया के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को कर्मकांड करने के लिए फल्गु नदी के तट पर अवस्थित देवघाट, ब्राह्मणी घाट, पितामहेश्वर व सीताकुंड घाट का महत्व है. इन घाटों पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है.
पितृपक्ष महासंगम की शुरुआत शाम चार बजे
भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (अनंत चतुर्दशी) से प्रारंभ हाेकर आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलने वाले 17 दिवसीय राजकीय पितृपक्ष महासंगम की शुरुआत शाम चार बजे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार माेदी करेंगे. इस माैके पर आयाेजित कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम नारायण मंडल करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में शिक्षा व विधि मंत्री सह गया जिले के प्रभारी मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार, पर्यटन मंत्री प्रमाेद कुमार, गया व जहानाबाद के सांसद क्रमश: हरि मांझी व डॉ अरुण कुमार भी माैजूद रहेंगे.
हर राेज सांस्कृतिक कार्यक्रम
हर राेज सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन व प्रवचन का भी हाेगा आयाेजन इसी मंच से हर राेज शाम पांच से सात बजे तक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व जिला प्रशासन के कलाकाराें द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम व भजन के बाद शाम सात बजे से प्रवचन हाेगा. पितृपक्ष मेला के दौरान शहर के स्कूलों मे आवासन स्थलों पर महिला-पुरुष 800 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. तीन शिफ्टों में शिक्षकों की यात्रियों की सुविधा की निगरानी और आवभगत की ड्यूटी लगाई गई है. अक्षत, रोड़ी, चंदन और फूल-माला से इन स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाएं यात्रियों का स्वागत करेंगे.
देश के कोने-कोने से आते हैं तीर्थयात्री
पितृपक्ष महासंगम में देश के काेने-काेने व विदेश से भी अपने पितराें का पिंडदान व तर्पण कर मुक्ति दिलाने का उद्देश्य लिये गयाधाम पधारने वाले तीर्थयात्रियाें की सेवा के लिए सहायता व सेवा शिविर लगाये गये हैं. प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. पिंडवेदियों व सराेवराें की साफ-सफाई भी करा ली गयी है. पांच काेस क्षेत्र में फैले पिंडवेदियाें व सराेवराें तक पहुंचने के रास्ते काे भी जिला प्रशासन द्वारा दुरुस्त कराया गया हैं.