नई दिल्ली: एक रपट के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में सुस्ती रहने के बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. इससे पिछली तिमाही में यह 7.2 प्रतिशत थी. वित्तीय सेवा प्रदाता नोमुरा ने एक रपट में यह अनुमान जताया है. नोमुरा के मुताबिक, ‘मार्च में औद्योगिक उत्पादन में नरमी के बावजूद जनवरी- मार्च में औसत औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही, जो कि चौथी तिमाही (अक्तूबर- दिसंबर ) के 5.9 प्रतिशत से अधिक है.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि से पहली तिमाही (जनवरी- मार्च) में समग्र औद्योगिक गतिविधियां मजबूत हुई हैं, जो कि पहली तिमाही में जीडीपी के बढ़कर 7.7 प्रतिशत रहने के हमारे विचार का समर्थन करती है. निवेश और खपत के चलते देश में क्रमिक सुधार की उम्मीद है. हालांकि, कच्चे तेल के बढ़ते दाम और कठिन वित्तीय स्थिति जैसे कारकों के चलते वृद्धि दर में गिरावट हो सकती है.
हालांकि निकट अवधि में वृद्धि परिदृश्य को लेकर हमारा नजरिया अभी भी आशावादी है, हमें उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि को सुस्त करने वाली कठिन वित्तीय स्थिति एवं कच्चे तेल में तेजी का विपरीत प्रभाव आगे चलकर फीका पड़ जाएगा.” आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूंजीगत सामान उत्पादन में गिरावट तथा खनन गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी रहकर 4.4 प्रतिशत पर रही , जो कि पांच महीने का निचला स्तर है.
RBI ने जताया भरोसा, मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है. पटेल ने शनिवार(22 अप्रैल) को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्त समिति की बैठक में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को विनिर्माण क्षेत्र में तेजी, बिक्री में वृद्धि, सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और कृषि फसल के रिकॉर्ड स्तर पर रहने से मजबूती मिली. उन्होंने कहा कि हालांकि वर्ष 2017-18 में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि एक साल पहले के 7.1 प्रतिशत से कुछ कम होकर 6.6 प्रतिशत पर आ गई. निवेश की मांग बढ़ने से दूसरी छमाही में रफ्तार में मजबूती लौट आई.
निवेश गतिविधियों में सुधार बना रहेगा
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि इंडियन इकोनॉमी ने 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया. विनिर्माण क्षेत्र में तेजी, बिक्री में वृद्धि, क्षमता उपयोग में बढ़ोतरी, सर्विस सेक्टर की मजबूत गतिविधियां और रिकॉर्ड फसल ने प्रदर्शन में अहम योगदान दिया. उन्होंने कहा, ‘कई फैक्टर 2018-19 में वृद्धि दर में तेजी लाने में मददगार होंगे. साफ संकेत है कि अब निवेश गतिविधियों में सुधार बना रहेगा.’ पटेल ने कहा कि वैश्विक मांग में सुधार हुआ है, ऐसे में निर्यात और नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा. ऐसे में फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. इनपुट भाषा से भी