लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने प्रदेश की सहकारी समितियों में सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियों, सहकारी सघों, क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, केन्द्रीय सहकारी उपभोक्ता भण्डारों, जिला सहकारी संघों एवं शीर्ष सहकारी समितियों की सामान्य निकाय की बैठक माह नवम्बर एवं दिसम्बर तक कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि सामान्य निकाय की बैठक होने से जहां एक ओर सदस्यों को उनकी समिति की आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त हो सकेगी, वहीं दूसरी ओर समितियों की समय से बैलेन्सशीट तैयार होगी एवं समय से उनका आडिट हो सकेगा, जिससे समिति की लाभ या हानि पर होने की स्थिति की भी जानकारी उनके सदस्यों को होगी। उन्होंने बताया कि यदि सहकारी समितियों में कोई अनियमितता की स्थिति प्रकाश में आती है तो उस पर समय रहते दण्डात्मक/वसूली की कार्यवाही भी की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि विगत लगभग 15 वर्षों से सामान्य निकाय की बैठक नहीं करायी गई। वर्तमान सरकार जीरो टालरेंस नीति के तहत कार्य कर रही है, जिसको ध्यान में रखते हुए सभी सहकारी समितियों को अनिवार्य रुप से सामान्य निकाय की बैठक दिसम्बर 2018 तक कराने जाने के निर्देश दिए गए हैं।