सावन के महीने में शिव आराधना की विशेष महिमा है। हर किसी की इच्छा होती है कि वह भगवान शिव के ज्योतिर्लिङ्ग स्वरूप का दर्शन और आशीर्वाद स्वरुप प्रसाद पा सके। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। परन्तु कुछ श्रद्धालु चाहकर भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन नहीं कर पाते। अब ऐसे श्रद्धालुओं को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम से लोग देश के किसी भी कोने में घर बैठे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं। सावन माह में डाक विभाग ने इसके लिए विशेष प्रबंध किये हैं। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत देश के किसी भी कोने में रह रहे श्रद्धालु स्पीड पोस्ट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद मँगा सकते हैं। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 रूपये का इलेक्ट्रानिक मनीआर्डर प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी (पूर्वी) मंडल-221001 के नाम भेजना होगा। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा प्रसाद भेज दिया जाएगा। डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा, जिस पर वाराणसी के घाट पर जारी डाक टिकट की प्रतिकृति भी अंकित होगी। इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इसके अलावा इसे मात्र ₹ 201 में वाराणसी सिटी डाकघर के काउंटर से भी प्राप्त किया जा सकता है।
श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद में शामिल वस्तुएं-
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिङ्ग की छवि, महामृत्युंजय यंत्र, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, भभूति, रक्षा सूत्र, रुद्राक्ष मनका, मेवा, मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल हैं। सूखा होने के कारण यह प्रसाद लम्बे समय तक उपयोग में बना रहता है।
प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल श्री राजन ने बताया कि, डाक विभाग ने इस बात के भी प्रबंध किए हैं कि, श्रद्धालुओं को मोबाइल नंबर पर स्पीड पोस्ट का विवरण एस.एम.एस के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए उन्हें ई-मनीऑर्डर में अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा।