26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

देहरादून के जीजीआईसी में हरियाली महोत्सव के उपलक्ष्य में वृक्षारोपण करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: ‘‘झुमेलो गाएंगे, हरेला मनाएंगे, पेड़ लगाएंगे।’’ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरेला के पावन पर्व पर पहले रिस्पना नदी के किनारे किशनपुर पुल के पास व उसके बाद राजपुर रोड़ स्थित जीजीआईसी में वृक्षारोपण किया। न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में संस्कृति विभाग व सामाजिक संस्था ‘धाद’ द्वारा आयोजित झुमेलो कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री शामिल हुए।

सीएम आवास में आयेाजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे पूर्वजों की ही यह भविष्यनोन्मुखी सोच थी कि हरेला व झुमेलो के माध्यम से प्रकृति का अभिनंदन करने की परम्परा प्रारम्भ की। हमने इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए सांस्कृतिक पर्व हरेला को ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना से जोड़ते हुए प्रकृति संरक्षण को सांस्कृतिक अभियान के तौर आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब पूरी दुनिया में ग्रीन थिंकिंग व ग्रीन एक्शन की बात की जा रही है, हमारे पुरखों ने बरसों पहले कष्टों के बीच भी प्रकृति की वंदना के पर्व मनाने की परम्परा प्रारम्भ की। राज्य सरकार की पहल को लोगों ने खुद अभियान के रूप में लिया है। पूरे प्रदेश में लोगों में पेड़ लगाने का उत्साह दिख रहा है। वृक्षारोपण का यह सबसे बड़ा नागरिक अभियान है। इसमें सरकार सिर्फ फेसिलिटेटर की भूमिका में है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा यह अभियान केवल पेड़ लगाने का ही नहीं है बल्कि इसका आर्थिक व स्वास्थ्य पक्ष भी है। ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना में हम उन पेड़ों को लगाने के लिए प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं जो कि लोगों की आजीविका से जुड़े हों। हम चारा प्रजाति व फल वाले वृक्ष लगाए जाने पर जोर दे रहे हैं। सीएम ने कहा कि  ग्रामीण अंचलों का विकास तभी होगा जबकि खेती व पशुपालन का विकास हो। ग्रामीण क्षेत्रों में दो समस्याएं प्रमुख रूप से हैं। पहला महिलाओं में लौह व आयोडिन की कमी है। दूसरा, पशुओं के लिए चारा उपलब्ध नहीं है। इसके लिए हमें चारा प्रजाति के पेड़ लगाने के साथ ही विशेष रूप से अपने घरों में अमरूद व आंवला के पेड़ भी लगाने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि सप्ताह में यदि एक दिन भी मंडुवे की रोटी, झंगोरा की खीर व गहत की दाल अपने भोजन में प्रयोग करें तो घर की महिलाएं भी स्वस्थ होंगी और पहाड़ से गरीबी भी दूर हो सकेगी। लोग कम से कम एक दिन के लिए अपने गांव जाएं और वहां अखरोट के पेड़ लगाएं। घी संक्रांति पर अखरोट के पौधे रोपण के लिए उपलब्ध करवाएंगे। जो उत्साह लोगों का अभी बना हुआ है वह रूकना नहीं चाहिए। गांवों में हर साल हरेला प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी और सर्वश्रेष्ठ हरेला प्रस्तुत करने वाली महिला को प्रतिमाह 500 रूपए की प्रोत्साहन राशि एक वर्ष तक के लिए दी जाएगी। साथ ही वे महिलाएं हमारी ग्रीन एम्बेसेडर भी होंगी। झुमेलो की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। इनमें प्रतिभाग करने वाली महिलाएं हमारी संस्कृति दूत होंगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ‘‘मेरा गांव मेरा धन’’ योजना में यदि कोई उŸाराखण्डवासी स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन बनाकर देता है तो राज्य सरकार 30 वर्ष के एग्रीमेंट पर 15 फीसदी तक ब्याज देने को तैयार है। यह काम देश के पूंजीपतियों के माध्यम से भी किया जा सकता था परंतु हमारा उद्देश्य है कि पहाड़ के लोग पहाड़ से जुडें। इससे ‘हिटो पहाड़’ का अभियान गति पकड़ लेगा। लोगों को गांव जाने का बहाना भी मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग पहाड़ की बात करते हैं परंतु शुरूआत नहीं करते हैं। सभी लोग बेहतर उŸाराखण्ड के निर्माण के लिए साथ आएं और भागीदारी करें।
कार्यक्रम में चैमासा पारम्परिक झुमेलो गीत व नृत्य भी प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत की धर्मपत्नी श्रीमती रेणुका रावत, संसदीय सचिव व विधायक राजकुमार, धाद संस्था के अध्यक्ष हर्षमणि व्यास, संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं, पीसीसीएफ श्रीकांत चंदोला, सचिव संस्कृति शैलेश बगोली, निदेशक बीना भट्ट, पृथ्वीपाल सिंह चैहान सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
इससे पहले राजपुर रोड़ स्थित जीजीआईसी में वृक्षारोपण के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज की पीढ़ी को दुनिया की अधिक जानकारी है। आईटी के कारण उनके ज्ञान का क्षेत्र अधिक व्यापक है। सरकारी विद्यालयों में अध्यापक मेरिट योग्यता के आधार पर चयनित होकर आते हैं। उन्हें अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए। सभी बच्चों में प्रतिभा होती है। बात केवल अवसर उपलब्ध करवाने की है। शिक्षकों के लिए वह क्षण सबसे बड़ा क्षण होता है जब उनका विद्यार्थी सफलता प्राप्त करता है। बेहतर नागरिक बनाने का दायित्व शिक्षकों पर है। मुख्यमंत्री ने विद्यालय की छात्राओं से कहा कि कम्पीटीटीव एक्सीलेंस के दौर में केवल प्रथम श्रेणी आना पर्याप्त नहीं है। प्रथम में प्रथम आना होगा। चुनौतियां बहुत अधिक हैं जिसके लिए लगातार परिश्रम करना होगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रिस्पना नदी के किनारे किशनपुर पुल के पास पौधरापेण करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर बेहतर देहरादून बनाना है। रिस्पना व बिंदाल नदियों के बिल्कुल किनारों पर बसे लोगों को सरकार एफोर्डेबल हाउस उपलब्ध करवाने को तैयार है। मौसम की बदलती प्रकृति को देखते हुए नदियों के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाना अति आवश्यक है। इसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मिलकर प्रयास करने चाहिए। इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी, मेयर विनोद चमोली, एमडीडीए उपाध्यक्ष मीनाक्षी सुुंदरम, डीएम रविनाथ रमन सहित अन्य लोग मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More