लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने मेसर्स गाजियाबाद आर्गेनिक्स, गाजियाबाद का कैप्टिव आसवनी का दर्जा समाप्त करते हुए आसवनी में उत्पादित होने वाले अल्कोहल को बाजार की मांग के अनुरूप शोधित आसव एवं डिनेचर्ड स्प्रिट/स्पेशली डिनेचर्ड स्प्रिट के रूप में प्रदेश में तथा प्रदेश के बाहर विक्रय किये जाने के लिए अनुमति दे दी है। इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड डिस्टीलरीज एवं ब्रिवरीज प्रा0 लि0, ललितपुर को यवासवनी (ब्रिवरी) स्थापना के लिए बी-20 अनुज्ञापन देने की भी अनुमति शासन ने दी है।