नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने केंद्र और राज्य सरकारों से लॉकडाउन के दौरान कृषि और किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने आग्रह किया कि इस अवधि में कृषि संबंधित कार्यों तथा कृषि उत्पाद के उत्पाद के आवागमन को निर्बाध और सुचारू रूप से जारी रखा जाए।
अपने निवास उपराष्ट्रपति भवन में, आज केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भेंट के दौरान उपराष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र के संरक्षण के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उनका विचार था कि कृषि उत्पादक और उपभोक्ता दोनों के हितों का संरक्षण किया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “कृषि में उत्पादक संगठित नहीं है इसलिए प्रायः उनकी बात अनसुनी रह जाती है। अतः यह सरकार का दायित्व है कि वह उनके हितों का संरक्षण करे।” उन्होंने कहा कि यद्यपि यह दायित्व मूलतः राज्य सरकारों का है फिर भी केंद्र को समय-समय पर उन्हें मार्गदर्शन और सहायता देनी चाहिए।
फल और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके भंडारण और बिक्री के लिए विशेष प्रबंध किए जाने चाहिए। उपराष्ट्रपति ने एपीएमसी कानून में आवश्यक बदलाव किए जाने की सलाह दी जिससे कृषि उत्पादों को बिना मंडी में गए, सीधे किसानों से खरीदा जा सके। श्री नायडू ने कहा इससे उपभोक्ताओं को फल, सब्ज़ी तथा अन्य कृषि उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
कृषि उत्पादों के निर्बाध आवागमन की जरूरत पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने संबद्ध अधिकारियों से कहा कि वे सुचारू आवागमन सुनिश्चित करें। वर्तमान कटाई के समय की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि उपकरणों और मशीनों का निर्बाध आवागमन और उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कृषि मंत्री ने उपराष्ट्रपति को किसानों के हितों की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ निकट सामंजस्य बना कर काम कर रहा है। उन्होंने उपराष्ट्रपति को आश्वस्त किया कि संकट के इस समय में सरकार किसानों के हितों का संरक्षण करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी।