लखनऊ: प्रमुख सचिव, कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद की अध्यक्षता एवं निदेशक, कृषि श्री ए0के0 बिश्नोई एवं श्री रमेश यादव, सलाहकार, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान की उपस्थिति में आज कृषि भवन में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें विभिन्न मण्डलों के संयुक्त कृषि निदेशक एवं जनपदों के उप कृषि निदेशकों ने भी प्रतिभाग किया।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि ने विभाग द्वारा संचालित समस्त कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति के साथ-साथ यह भी कहा कि उपलब्ध बजट के वित्तीय व्यय को बढ़ाने के साथ-साथ कृषकों हितों में हो रहे कार्यों पर विशेष ध्यान दें क्योंकि इस व्यय का सीधा असर कृषकों पर पड़ने के साथ-साथ सरकार की
कार्यप्रणाली एवं छवि पर भी पड़ता है। उन्होंने विभिन्न जनपदों/मण्डलों से उपस्थित अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सभी अधिकारी तकनीकी रूप से दक्ष हैं इसलिए वे आगे बढ़कर कुशल नेतृत्व देकर कृषकों की आवश्यकताओं की पूर्ति करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कृषि विभाग के अधिकारी अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतर कार्य करें। साथ ही फसल बीमा की जो धनराशि बैंकों द्वारा कृषकों से काटी गई है उसकी समीक्षा कर तत्काल संबंधित बीमा कम्पनियों तक पहुंचा दिया जाए जिससे कृषकों को किसी भी विपरीत परिस्थिति में प्रतिपूर्ति मिल सके।
बैठक में कृषि निदेशक ने अवगत कराया कि खरीफ की फसलों का अच्छादन 95.17 लाख हे0 लक्ष्य के विरूद्ध 92.72 लाख हे0 क्षेत्रफल में आच्छादित हो चुका है जो कि 97.43 प्रतिशत है। यह विगत वर्ष से 09 लाख हे0 अधिक है। उन्होंने कहा कि बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उवर्रकों एवं कृषि रक्षा रसायनों की कोई कमी नही हैं।