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दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए 15 वर्षों के बाद एक बार फिर महात्‍मा गांधी की समाधि को नया रूप दिया जायेगा

Given the increasing number of visitors to the memorial of Mahatma Gandhi once again after 15 years will be uprooted
देश-विदेश

नई दिल्ली: दस हजार से अधिक देशी और विदेशी पर्यटक हर रोज महात्‍मा गांधी की समाधि पर पुष्‍पांजलि अर्पित के लिए राष्‍ट्रीय राजधानी स्‍िथत उनकी समाधि पर आते हैं। पर्यटकों को गांधीजी के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी देने के लिए समाधि के निकट लगे काले पत्‍थर के अलावा और कोई स्रोत समाधि पर उपलब्‍ध नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए और पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत राजघाट समाधि समिति ने पिछले दो वर्षों में अनेक उपाय किए हैं, जिनका उद्घाटन कल राष्‍ट्रपिता की 69वीं पुण्‍य तिथि के अवसर पर किया जायेगा। इससे पहले 15 वर्ष पूर्व राजघाट पर सुधार कार्य संचालित किए गए थे।

पहली बार 157 शब्‍दों में राष्‍ट्रपिता के जीवन का विवरण और 131 शब्‍दों में गांधी समाधि का विवरण हिन्‍दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में राजघाट के तीनों द्वारों पर प्रदर्शित किया गया है।

संगमरमर पर 30 अमृत वचन उत्‍कीर्ण कराए गए हैं, जिन्‍हें ग्रेनाइट के पत्‍थर की पीठिकाओं पर समाधि परिसर में प्रदर्शित किया जायेगा।

राजघाट परिसर में सभी मौजूदा परम्‍परागत लाइटों के स्‍थान पर ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। पुराने खंभों के स्‍थान पर सुरूचिपूर्ण ढंग से सजाए गए 104 नए पोल लगाए गए हैं। एलईडी लाइटों के लगने से हर वर्ष 60 हजार से अधिक ऊर्जा की बचत होगी।

सुरक्षा बढ़ाने और पर्यटकों की बेहतर निगरानी के लिए 27 सीसीटीवी कैमरों के साथ एक सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया गया है।

इन सभी उपायों का उदघाटन करने के अलावा कल 30 जनवरी को शहरी विकास मंत्री श्री एम वैंकैया नायडू राजघाट समाधि पत्रिका के विशेषांक का विमोचन भी करेंगे, जो गांधीजी द्वारा चलाए गए चंपारण सत्‍याग्रह की 100वीं वर्षगांठ से संबद्ध है।

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