देहरादून: उत्तराखण्ड में वनाग्नि की अद्यतन जानकारी देते हुए मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि बुधवार
4 मई को 90 वनाग्नि की घटनाएं हुयी जिनमें से 76 में काबू पा लिया है और उनमें से 14 को बुझाने का कार्य अभी जारी है। आज आग बुझाने के लिए एमआई-17 का प्रयोग नहीं किया गया। आवश्यकता पड़ने पर इनका उपयोग किया जाएगा, साथ ही सरकार वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के लिए तत्कालिक प्रयासों के साथ-साथ दीर्घकालिक उपायों के लिए भी गम्भीरता से विचार कर रही है। इसके लिए विशषज्ञों से बातचीत चल रही है। मुख्य सचिव श्री सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से जारी पूर्वानुमान पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की तैयारियाँ भी लगातार चल रही है, एवं वनाग्नि की घटनाओं से चारधाम यात्रा की तैयारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होने बताया कि चैरासी कुटिया में विदेशी पर्यटकों के अनाधिकृत प्रवेश के मामले में जांच के उपरान्त पाया गया कि विदेशी पर्यटकों को नियम की जानकारी नहीं थी अतः उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी ने बताया कि वर्तमान फायर सीजन में सात लोगों (पौड़ी-1, बागेश्वर-1, नैनीताल-3, कान्स्टेबल पंकज चैहान एवं एक फायर वाचर चैत सिंह) की जान जा चुकी है। इस फायर सीजन में राज्य में अभी तक कुल 1681 वनाग्नि की घटनाएं हुयी हैं और वनाग्नि की घटनाओं से 3739 हे0 भूमि प्रभावित हुई है।
उन्होने बताया कि वन विभाग के फायर वाचर चैत सिंह की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को दो लाख रूपये की धनराशि दी जा रही है। रूपये चार लाख रूपये एसडीआरएफ से दिये जाने हेतु प्रभागीय वनाधिकारी एवं जिलाधिकारी, देहरादून को निर्देश दिये गये है। राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाॅल द्वारा अपने विवेकाधीन कोष से भी दो लाख रूपये की धनराशि स्वर्गीय चैत सिंह के आश्रित को दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही स्वर्गीय चैत सिंह की पत्नी को फायर वाचर के रूप में रखने हेतु प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिये गये है।