देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 19 वीं वर्षगांठ पर सभी प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों स्मरण करते हुए कहा कि नए भारत के निर्माण में उत्तराखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य हित के हर वो काम अब मुमकिन हो रहे हैं जो कि दशकों से लटके हुए थे। ऐसा प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से सम्भव हुआ।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड ने अपनी खास पहचान बनाई है। पिछले ढाई वर्षों में तमाम क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रयासों को सराहा गया है। हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल किया गया है। ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार प्राप्त हुए है। मार्च 2019 में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। नदियों के पुनर्जनन, विकास व संरक्षण में भी राज्य को पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 मिला है। कोसी नदी पुनर्जनन अभियान के लिए अल्मोड़ा को उत्तर जोन में सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में चयनित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि तराई भाबर के लिए महत्वपूर्ण, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल गई है। दशकों से लटकी पड़ी जमरानी बांध परियोजना को हकीकत बनाने के लिए हमारी सरकार ने गम्भीरता से कोशिश की। इसमें केन्द्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिला। देहरादून को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रेविटी आधारित सौंग बांध परियोजना पर हम तेजी से काम कर रहे हैं। केंद्रीय जल आयोग से इसकी डिजाईन को सैद्धांतिक मंजूरी भी मिल चुकी है। प्रधानमंत्री जी ने जलशक्ति अभियान शुरू किया है। हम केंद्र के सहयोग से हर घर जल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। नदियों व जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर की गई है। राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित कर रही है। 62 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी कोशिश रही है कि उत्तराखण्ड में केंद्र सरकार के सहयोग से बड़े संस्थान खुल सकें। सुमाड़ी में एन.आई.टी. के स्थायी कैम्पस को स्वीकृति मिल गई है। इसका शिलान्यास कर दिया गया है। देहरादून में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर व रानी पोखरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर दिया गया है। डोईवाला में सीपेट शुरू किया जा चुका है जहां सौ फीसदी प्लेसमेंट मिल रहा है। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर की स्थापना की जा रही है। देश की पांचवी साइंस सिटी देहरादून में बनाई जा रही है। देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना यहां की गई है। युवाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए ‘स्टार्ट अप पॉलिसी’ लाई गई।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड में संभावनाओं की कमी नही है। विकास का लाभ दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए काफी कुछ किया गया है और काफी कुछ किया जाना है। हमारी सरकार इसके लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास कर रही है। उत्तराखण्ड को मॉडल स्टेट बनाने के लिए हमें आप सभी के सहयोग और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। राज्य स्थापना दिवस के इस पावन अवसर पर हम सभी प्रदेश के समग्र विकास में अपना शत-प्रतिशत योगदान देने के लिए संकल्प लें। माननीय प्रधानमंत्री जी भारत को एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहें हैं। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम समृद्व उत्तराखंड, श्रेष्ठ उत्तराखंड का निर्माण करेंगे।